केंद्र सरकार ने संसद में काफी समय से लटके तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) को दंडनीय अपराध बना देने वाले बिल को कानूनी रूप देने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी. इसमें पुलिस सीधे आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन यह तभी होगा, जब महिला खुद शिकायत करेगी या उसका कोई करीबी रिश्तेदार इसकी शिकायत करेगा.
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इस बिल को मंजूरी मिल जाने के बावजूद एक पखवारे से बहराइच में दो-दो महिलाएं अपने-अपने पिता को साथ लेकर पति द्वारा तीन तलाक दिए जाने की गुहार लगा रही हैं. रोज थाने और पुलिस अधीक्षक की चौखट पर दौड़ने के बाद एक का तो मुकदमा पुलिस ने दर्ज कर लिया लेकिन एक अभी भी दर-दर भटक रही है.
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भारत-नेपाल सीमा के जैतापुर की रहने वाली दो मुस्लिम महिलाओं को उनके पति ने तलाक दे दिया. एक महिला को मुम्बई से उसके पति ने फ़ोन पर तलाक दिया तो वहीं दूसरी महिला को उसके पति ने पहले उसे बुरी तरह मारा-पीटा उसके बाद उसे तलाक देकर घर से निकाल दिया. पीड़ित महिलाओं का यह भी आरोप है कि वह कई बार थाने गई लेकिन उन्हें थाने से भगा दिया गया.
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तलाक की पीड़ित महिला साजरून निशा ने बताया कि वह मुम्बई में अपने पति के साथ रहती थी लेकिन जब वह घर चली आयी तो पति का अफेयर पड़ोस की एक महिला के साथ हो गया. जिसके बाद उसके पति शमशेर ने उसे फोन पर तलाक दे दिया. रुपैईडीहा बार्डर के ग्राम जैतापुर निवासी दूसरी तलाक पीड़िता महिला शबीना ने बताया कि उसके पति मुश्ताक ने उसे बुरी तरह मार-पीट कर भगा दिया और उसके बाद तलाक दे दिया.
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इसके बाद में वह अपने पिता के साथ रुपैईडीहा थाने गई. उन्होंने उसे सुसराल के थाने रामगांव भेजा गया. जहां वह गई लेकिन उसे थाने से भगा दिया गया. फिर वह बहराइच जाकर आला अधिकारियों से मिली और अपना प्रार्थना पत्र दिया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अपर पुलिस अधीक्षक रविन्द्र कुमार ने बताया कि सिर्फ अभी एक महिला का प्रार्थना पत्र मिला है. जिसमें चार लोंगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और कानूनी कार्यवाही की जा रही है.
HIGHLIGHTS
- दो-दो पीड़िताओं का नहीं लिखा जा रहा मुकदमा
- पुलिस एक थाने से दूसरे थाने दौड़ा रही है
- अभी तक किसी की भी नहीं हुई है गिरफ्तारी
Source : योगेंद्र मिश्रा