हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले पर उत्तर प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है. शनिवार को एक तरफ राज्य सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की तो दूसरी ओर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया. शनिवार को जोरदार गहमागहमी के बाद आज सुबह राजधानी लखनऊ में जगह जगह हाथरस गैंगरेप केस को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं.
यह भी पढ़ें: राजस्थान की बेटियों का दर्द... कांग्रेस तक कब पहुंचेगी इनकी दर्दभरी दास्तां
राजधानी लखनऊ में जगह-जगह दीवारों पर इन पोस्टर को लगाया गया है. पोस्टरों में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को बर्खास्त करने की मांग उठाई गई. पोस्टर में बेटी को पिस्टल, कटार और तलवार से लैस दिखाया गया है. जिसमें दिया गया है- 'नारा बेटियों की कमर पर अब करधन नहीं पिस्टल, कटार और तलवार की जरूरत.'
पोस्टरों को हजरतगंज समेत तमाम जगहों पर दीवारों पर चस्पा किया गया है. इन पोस्टर में लिखा गया है, 'सरकार हमारी नकारी है. बेटियों को बचाने की जिम्मेदारी खुद हमारी है. मत इतना बर्दाश्त करो. आनंदीबेन-योगी को बर्खास्त करो.' सबसे नीचे पोस्टर में बड़े-बड़े शब्दों में प्रियंका सेन लिखा हुआ है.
यह भी पढ़ें: राजस्थान गैंगरेप: पीड़िता ने पूछा- राहुल गांधी बारां क्यों नहीं आते हैं
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया.
यह भी पढ़ें: 'सीबीआई जांच से हाथरस केस में होगा दूध का दूध पानी का पानी'
इस मामले की जांच करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है. शनिवार को अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने भी हाथरस में पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी. इसके अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे. दिनभर की गहमागहमी के बीच शाम होते-होते उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी.