आधी हकीकत आधा फसाना: शिकंजे में फंसती देख पुलिस ने रच दी झूठी पटकथा

एकबार फिर यूपी पुलिस का कलंकित चेहरा उजागर हो गया. एसओजी की स्वाट टीम व लालगंज कोतवाली की संयुक्त पुलिस टीम एटीएम चोरी के आरोपी को गिरफ्तार करने गई थी.

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Deepak Pandey
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PBH Police

आधी हकीकत आधा फसाना( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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एकबार फिर यूपी पुलिस का कलंकित चेहरा उजागर हो गया. एसओजी की स्वाट टीम व लालगंज कोतवाली की संयुक्त पुलिस टीम एटीएम चोरी के आरोपी को गिरफ्तार करने गई थी. आरोपी युवक ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने पीछे से एक गोली पीठ पर मार दिया जो पीठ को पार करते हुए पेट से निकल गई. पुलिस ने खुद को शिकंजे में फंसती देखकर फायरिंग करने की झूठी पटकथा रच दी.  प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात लालगंज कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत बाबूतारा गांव निवासी मो तौफीक उर्फ बब्बू (30) पुत्र स्व मुस्तकीम जिनके ऊपर एटीएम चोरी व धोखाधड़ी का आरोपी था. बीती रात आरोपी घर दबिश देने गई एसओजी की स्वाट टीम व कोतवाली पुलिस की संयुक्त कार्यवाही के दौरान आरोपी युवक ने पुलिस को देखते ही भागने की कोशिश की तो पुलिस द्वारा पीछे से पीठ पर गोली मार दिया गया. इससे आरोपी युवक घर से कुछ दूर खेत के कुएं गिर गया. आरोपी युवक को गोली लगने के बाद कुंए में गिर जाने के बाद पुलिस टीम के होश फाख्ता हो गए और बैरंग वापस चली गई.

परिजनों ने गांववालों की मदद से युवक को निकालकर गम्भीर हालत में आनन फानन में अस्पताल लेकर चले गए. दोबारा तीन घंटे बाद लगभग रात साढ़े तीन बजे दोबारा पुलिस फायर ब्रिगेड व अन्य कई थानों की फोर्स के साथ आरोपी को कुंए से निकालने गई और उसे ना पाने पर कई राउंड फायरिंग की और परिजनों को धमकाते हुए वापस चली गई. फिर शुरू हुआ पुलिस खेल और रची गई मुठभेड़ की पटकथा. 

परिजनों के अनुसार तौफीक को गोली मारने के बाद कुंए में गिरा होने के बावजूद पुलिस मौकाए वारदात भाग जाती है दोबारा आने के बाद लगातार फायरिंग शुरू कर देती है और तो और अज्ञात में मुकदमा भी पंजीकृत कर दो सिपाहियों के घायल होने की खबर वायरल कर दी जाती है. बता दें कि विगत वर्ष भी इसी परिवार के मो मकबूल भी पुलिस की निर्मम पिटाई से मौत हो गई थी. 

इस दंश से परिवार अभी उबर भी नहीं पाया था. पुलिस टीम के इस अमानवीय कृत्य से मानवता पुलिस पब्लिक के संबंध जहां कलंकित हो रहे हैं तो वहीं पुलिस की कार्यशैली से आमजनमानस का विश्वास उठता नजर आ रहा है. पुलिस की इस कार्यशैली से जहां पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है तो वहीं प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश भी पनप रहा है. फिलहाल प्रकरण चाहे जो भी रहा हो खाकी कि साख पूरे क्षेत्र में धूल धूसरित होती नजर आ रही है. पुलिस के इस अमानवीय कृत्य की चर्चा एवं निंदा पूरे क्षेत्र में व्याप्त है.

वहीं कोतवाली पुलिस ने बताया गया कि दबिश देने की टीम पर फायरिंग में एक बदमाश व दो पुलिस को भी गोली लगी, जिनका इलाज चल रहा है. वहीं, तौफीक को लखनऊ ले जाया जा रहा था रास्ते मे उसकी मौत हो गई.

बड़ा सवाल

सुबह छह बजे तक मेडिकल रजिस्टर में सिर्फ एक सिपाही का नाम है दर्ज कैसे?

लालगंज थाना अन्तर्गत बाबूतारा पुलिस मुठभेड़ मामले में मेडिकल कालेज के रजिस्टर में सिर्फ एक शख्स का नाम दर्ज है. मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में सुबह चार बजकर चालीस मिनट पर सत्यम यादव का नाम दर्ज है, उसके बाद पांच बजकर 55 मिनट पर किसी निर्मला नाम‌ की औरत का नाम रजिस्टर में दर्ज है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में सिर्फ स्वाट टीम के सिपाही का ही नाम दर्ज है.

Source : Brijesh Mishra

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