प्रयागराज से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है. यहां स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) की तरफ से एक गरीब परिवार को बच्चे का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई. जिसके बाद लाचार पिता बेटे के शव को कंधे पर लेकर 35 किलोमीटर दूर पैदल घर पहुंचा है. जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां मंगलवार को तेज बरसात के बीच एक गरीब लाचार पिता बेटे का शव कंधे पर रखकर अस्पताल से घर पहुंचा। जानकारी के मुताबिक करंट लगने से घायल बेटे को पिता इलाज के लिए शहर के एसआरएन अस्पताल लेकर पहुंचा था। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद गरीब परिवार को शव ले जाने के लिए अस्पताल की तरफ से एंबुलेस तक मुहैया नहीं कराई गई।
बताया जा रहा है कि करछना थाना क्षेत्र निवासी 9 वर्षीय शिवम करंट लगने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गया था. परिजन उसे इलाज के लिए एसआरएन अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहां उसकी मौत हो गई. अस्पताल की तरफ से उन्हें एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई. गरीब परिवार ने अपनी परेशानियां अस्पताल परिसर में मौजूद निजी एंबुलेंस वालों को भी बताई, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की, निजी एम्बुलेंस वाले किराया मांग रहे थे। पैसे के अभाव में बेटे के शव को कंधे पर लेकर लाचार 35 किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचा.
एसआरएन अस्पताल से कई किलोमीटर दूर नए यमुना पुल तक पिता बजरंगी कंधे पर बच्चे का शव लेकर जा रहा था तभी नैनी थाना क्षेत्र में एक गाड़ी वाले ने मदद की जिसके चलते वह करछना थाना क्षेत्र स्थित डीहा गांव अपने घर पहुंचा. इस मामले का वायरल वीडियो सामने आने के बाद अब अफसरों में हड़कंप मच गया है। कमिश्नर प्रयागराज ने पीड़ित परिवार को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने संस्तुति की है।
Source : Manvendra Singh