देश मे बेतहाशा बढ़ती आबादी पर काबू करने के लिए सरकारों ने परिवार नियोजन जैसे तमाम बड़े कार्यक्रम पर बेहिसाब पैसा खर्च किया जाता है बावजूद इसके हम आज विश्व की सबसे बड़ी आबादी बनने की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में प्रयागराज की एक लड़की झुग्गी झोपड़ियों में घूम घूम कर बढ़ती आबादी को लेकर लोगों को न सिर्फ जागरूक कर रही है बल्कि कंडोम में बांट रही है. देखिए एक अकेली लड़की के संकल्प की कहानी जिसे लोग कंडोम गर्ल के रूप में जानते हैं.
अन्नपूर्णा एक महिला को कंडोम का पैकेट देती है । जब महिला पैकेट लेने में शर्माती हैं तो अन्नपूर्णा कहती है कि " 3-3 बच्चे पैदा करने में शर्म नहीं आयी... कंडोम का पैकेट लेने में शर्म आ रही है । पर्स में कंडोम और बुलंद इरादों के साथ अन्नपूर्णा प्रयागराज की मलिन बस्तियों में भटक रही है, मकसद है लोगों को परिवार नियोजन की जानकारी देना । बस्ती में अन्नपूर्णा पुरुष और महिलाओं से बात करती हैं उन्हें बताती है कि आबादी बढ़ने से देश और समाज का बड़ा नुकसान तो होता ही साथ ही ज्यादा बच्चे होने से बच्चो का पोषण और पढ़ाई लिखाई भी ठीक से नही हो पाती है.... जिन लोगों के एक-दो बच्चे हैं उन्हें अन्नपूर्णा समझती है और बच्चे पैदा करने का मतलब है, इन बच्चो के साथ अन्याय करना, अन्नपूर्णा उन्हें कंडोम का पैकेट भी देती है । अन्नपूर्णा कहती है देश को सभी समस्याओं की एक ही वजह है बेहिसाब बढ़ती आबादी ।
एलएलबी की स्टूडेंट अन्नपूर्णा के लोगों के समझाने पर कुछ लोगों पर उसकी बातों का असर होता है, कहीं कहीं विरोध भी झेलना पड़ता है कुछ लोग कुतर्क भी करते भी नज़र आते हैं, 9 बच्चों वाला एक शख्स तो यहां तक दावा करता है कुछ दिनों में ऐसे बम गिरेंगे जिससे आबादी खुद ब खुद नियंत्रण में आ जायेगी..... बढ़ती आबादी को लेकर फिक्र करने की जरूरत नही है । अहम बात ये है कि अन्नपूर्णा जिन महिलाओं से बात करती है सभी मानती है दो से ज्यादा बच्चे अच्छे नही है लेकिन गरीबी, तालीम और जागुकता कि कमी के कारण वो इस बारे में सोचने की हालत में नही होती और कई बार तो वो ये निर्णय लेने में भी सक्षम नही होती ।
अन्नपूर्णा बताती हैं कि उनके कंडोम बांटने को लेकर उनका मजाक भी बनाया जाता है और सोशल मीडिया पर कमेंट भी किया जाता है लेकिन उन्हें इस काम मे कोई झिझक या शर्म नही है और अपना ये कैम्पेन जारी रखेंगी उन्हें उनके पैरेंट्स का पूरा समर्थन हासिल है और वो अपने इस कैम्पेन को जल्द एक बड़े आन्दोलन में बदलना चाहती हैं । हैरानी की बात ये है कि अन्नपूर्णा को कंडोम बांटते कई साल गुजर गए और बार बार गुजारिश करने के बावजूद उसे अपने इस अभियान में कोई सरकारी मदद नही मिल पाई है ।
Source : Manvendra Pratap Singh