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प्रयागराज में जमकर कटा बवाल, UPPSC जाने वाले छात्रों से ID मांगने पर बरपा हंगामा, ये है पूरा मामला

Prayagraj: नाराज प्रतियोगी छात्रों ने पुलिस अधिकारियों को घेर लिया. पुलिस और प्रतियोगी छात्रों के बीच में जमकर नोकझोंक हुई. यूपीपीएससी के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार से लगातार चल रहा है.

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Yashodhan.Sharma
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) पर लगातार तीन दिन से छात्रों का प्रदर्शन जारी है. यहां पीसीएस प्री और आरओ एआरओ की परीक्षा 2 दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों का धरना लगातार बुधवार को तीसरे दिन भी मैदान में दिखाई दिये. इस दौरान उनसे आईडी मांगे जाने पर बवाल मच गया. नाराज प्रतियोगी छात्रों ने पुलिस अधिकारियों को घेर लिया.  पुलिस और प्रतियोगी छात्रों के बीच में जमकर नोकझोंक हुई.

पूरा मामला गेट नंबर 2 के सामने टीबी सप्रू रोड पर स्थित चौराहे का है, जहां तैनात पुलिसकर्मी छात्रों से आईडी मांगने लगे. इसकी सूचना मिलते ही प्रतियोगी छात्र जबरदस्त प्रतिरोध करने लगे. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि धरना स्थल पर किसी संदिग्ध को रोकने के लिए उन्हें जांच करना पड़ रहा था.

क्या है विरोध का कारण

बता दें, यूपीपीएससी के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार से लगातार चल रहा है. यह प्रदर्शन यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2023 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के निर्णय के खिलाफ है. आयोग के इस फैसले को लेकर छात्रों में गहरी असंतुष्टि है. उनकी मांग है कि इसे एक ही दिन में करवाया जाये.

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे. लोक सेवा आयोग के गेट के सामने छात्र हाथों में अलग अलग नारे लिखी तख्तियां लिये दिखाई दिये, जिसमें किसी में 'बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे', तो किसी में लिखा था, 'एक दिन, एक परीक्षा'.

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का जताया विरोध

प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि दो दिवसीय परीक्षा की इस प्रणाली से उनके साथ अन्याय किया जा रहा है. उनके अनुसार, दो दिवसीय परीक्षा के चलते परीक्षा परिणामों में भिन्नता आ सकती है और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में विसंगतियां देखने को मिल सकती हैं, जिससे छात्रों की मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा. उनका ऐसा मानना है कि इस प्रक्रिया की वजह से उन्हें निष्पक्ष नहीं मिलेंगे. इसके अलावा छात्रों का तर्क है कि इस नार्मलाइजेशन प्रक्रिया से उन छात्रों को नुकसान हो सकता है, जिन्होंने कठिन प्रश्न पत्र हल किया हो. ऐसे में परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित किया जाए, जिससे बिना किसी भेदभाव के सभी प्रतियोगियों के लिए समान प्रश्नपत्र हो.

क्या है अधिकारियों का बयान

इधर, यूपीपीएससी के अधिकारियों ने छात्रों की मांगों और आपत्तियों को ध्यान में रखा. उन्होंने समाधान निकालने का प्रयास किया है, लेकिन फिलहाल दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय यथावत रखा है. अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय इसलिए  नहीं  लिया गया क्योंकि उत्तर प्रदेश परीक्षा अध्यादेश के तहत केंद्र निर्धारण की गाइडलाइन के अनुरूप केंद्र के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है.

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