राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तैयारी शुरू हो गई है हालांकि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तिथि की घोषणा नहीं की है लेकिन सूत्रों की माने तो 2 जुलाई को यानी देवशयनी एकादशी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन कर सकते हैं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भूमि पूजन की तैयारियां करने लगा है ताकि मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सके.
इसी बीच दूसरे हिंदू संगठनों तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है अयोध्या के प्राचीन और ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास ने तो सीधे आरोप लगाया है कि विश्व हिंदू परिषद मंदिर निर्माण में मनमानी कर रहा है और राम जन्म भूमि को व्यवसाय का अड्डा बना रहा है. और हिंदू भावनाओं के खिलाफ अपने मन के मुताबिक मंदिर का निर्माण करा रहा है जिसमें किसी साधु संत यह हिंदू समाज किराए नहीं ले रहा है.
धर्मदास महंत के साथ-साथ हिंदू संगठनों ने भी आरोप लगाया है की अयोध्या की जन्मभूमि पर विशाल मंदिर बनेगा लेकिन विश्व हिंदू परिषद आखिर हिंदू भावनाओं को दरकिनार कर क्यों मात्र 128 फीट ऊंचे मंदिर निर्माण पर ही अड़ा है.
तो वहीं विश्व हिंदू परिषद ने महंत धर्मदास और हिंदू संगठनों के आरोपों को खारिज कर दिया है विश्व हिंदू परिषद ने साफ-साफ कहा है कि अब मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की है विश्व हिंदू परिषद कि नहीं इसलिए आरोप लगाना बेबुनियाद है.
अयोध्या गौरतलब है कि मंदिर को भव्य और दिव्य बनाने को लेकर धर्म सेना और ढांचे को धहाने के आरोपी संतोष दुबे हिंदू महासभा क्षत्रिय महासभा और महंत रामलोचन सरन ने अपना विरोध शुरू कर दिया है प्रधानमंत्री के कार्यक्रम तय होने के पहले हिंदू संगठनों और साधुओं के द्वारा यह विरोध आश्चर्य में डालता है.
Source : Vikas Chandra