उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ हुई हैवानियत सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है. हर कोई गैंगरेप पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहा हैं. लेकिन इस मामले में पुलिस का व्यवहार काफी अमानवीय नजर आ रहा हैं. मंगलवार देर रात पुलिस ने परिवार के विरोध के बाद भी पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया. बता दें कि मंगलवार सुबह गैंगरेप पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में अंतिम सांस ली.
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पुलिस के इस तरीके पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर हमला बोला और कहा कि आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया. अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया. सीएम योगी इस्तीफा दो. आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है.
प्रियंका गांधी ने ट्विट करते हुए कहा, 'रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया. जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया. पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया. घोर अमानवीयता.'
उन्होंने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा, 'आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया. सीएम योगी इस्तीफा दो. आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है.'
..अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।
घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।@myogiadityanath इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
बता दें कि परिजनों और गांवों वालों के भारी विरोध के बीच देर रात लगभग डेढ़ बजे मृतक युवती का शव उसके गांव बूलगढ़ी पहुंचा, जहां पुलिस प्रशासन द्वारा पहले से ही उसके अंतिम संस्कार की तैयारी करके रखी गई थी. लेकिन परिजन हिंदू धर्म की रीति के अनुसार इस समय अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए. पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें काफी मनाने का प्रयास किया गया. लेकिन परिजन अपनी बात पर अडिग रहे.
युवती की मां हाथ जोड़कर अधिकारियों से गुहार लगाती रही कि उसकी बेटी का भोर के समय अंतिम संस्कार किया जाए, लेकिन अधिकारियों के सामने उसकी एक न चली और अधिकारियों द्वारा परिजनों को दरकिनार कर युवती के शव को जबरन श्मशान घाट ले जाया गया, जहां आनन-फानन में पुलिस कर्मियों द्वारा चिता सजाकर युवती के शव का दाह संस्कार कर दिया गया.
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गौरतलब है कि 14 सितंबर को युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया था. इसके बाद आरोपियों ने उस पर जानलेवा हमला भी किया था. यह घटना चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में हुई. सोमवार को हालत बेहद गंभीर होने पर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि मौत से पहले पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा था कि चार युवकों ने उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की थी.
पीड़िता ने चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में की थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि संदीप को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में रामू और लवकुश को भी गिरफ्तार किया गया और शनिवार को चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.
Source : News Nation Bureau