दूसरे राज्य में फंसे श्रमिकों को वापस लाने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है. लेकिन इस बीच जो मामला तूल पकड़ता जा रहा है, वो है मजदूरों से किराया वसूलना. कांग्रेस समेत सभी विपक्ष ये दावा कर रहे हैं कि मोदी सरकार मजदूरों से किराया वसूल करेगी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ट्वीट कर कहा कि मजदूर (Labour) राष्ट्र निर्माता हैं. लेकिन आज वे दर दर ठोकर खाने को मजबूर हैं. यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है.
मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर दर ठोकर खा रहे हैं-यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 4, 2020
जब हम विदेश में फँसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं.. 1/2#CongressForIndia pic.twitter.com/KF0t5JcYYG
यह भी पढ़ें- गाजियाबाद में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत, पोस्टमार्टम से पहले कर दिया अंतिम संस्कार
नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में 100 करोड़ रु खर्च कर सकते है
जब हम विदेश में फंसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं. जब रेल मंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रु दे सकते हैं, तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि हम घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी.
यह भी पढ़ें- सीएम योगी ने प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए लगाई 10 हजार बस, 50 हजार मेडिकल टीम तैयार
रेलवे कोई किराया नहीं वसूल रही
वहीं इस मसले पर विवाद बढ़ता देख रेल मंत्रालय ने बकायदा एक स्पष्टीकरण जारी किया. इसके तहत रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए लोगों को सीधे टिकट नहीं बेचे जा रहे हैं. इसकी वसूली राज्य सरकार से की जाती है और मानक किराया ही लिया जाता है, जो कि खर्च का केवल 15 प्रतिशत है. राज्यों की सूची के मुताबिक ही लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाती है. गौरतलब है कि अंग्रेजी अखबार 'द हिन्दू' ने इस मसले पर भी लोगों के बीच भ्रम का माहौल बनाते हुए फेक न्यूज़ शेयर की, जिसके बाद इस सिलसिले की शुरुआत हुई.
यह भी पढ़ें- कोविड-19 : गौतमबुद्ध नगर में 34 कंटेंटमेंट जोन, कोरोना संक्रमितों की संख्या 167
फेक न्यूज को किया वाय़रल
इसके मुताबिक मजदूरों को अपने गृह राज्य जाने के लिए 50 रुपए अतिरिक्त किराया देना पड़ा. सोशल मीडिया पर रोहिणी सिंह जैसे पत्रकारों और सीताराम येचुरी जैसे नेताओं ने धड़ल्ले से इस ख़बर को शेयर कर के मोदी सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया. इसके उलट हकीकत यही है कि इन स्पेशल ट्रेनों के लिए आम लोगों द्वारा टिकट ख़रीदने का कोई प्रावधान ही नहीं है.