संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास महाराज की 644वीं जयंती पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी संत रविदास के दर पर मत्था टेकने पहुंची. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो सच्चा धर्म होता है वह कभी बैर नहीं रख सकता, कभी लोगों को अलग नहीं कर सकता, लोगों को तोड़ नहीं सकता. सच्चा धर्म कभी आपसी बैर नहीं सीखाता है. प्रियंका संत शिरोमणि रविदास जयंती के मौके पर वाराणसी स्थित संत रविदास की जन्मस्थली शीर गोवर्धन पहुंचीं. एयरपोर्ट से लेकर रास्ते भर हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं का हुजूम और तांता लगा रहा. इस दौरान उन्होंने गोवर्धन पहुंचकर सन्त रविदास के दर्शन किए और सत्संग में शामिल हुईं.
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि मैं सिर्फ दो बातें कहना चाहती हूं कि संत रविदास ने जो धर्म सिखाया वह सच्चा धर्म था, सच्चा धर्म है और उस धर्म को धारण करते हुए उसको आप निभाते हैं, क्योंकि सच्चा धर्म हमेशा सरल धर्म होता है, उसमें कोई राजनीति नहीं होती, कोई भेदभाव नहीं होता, किसी का संप्रदाय नहीं देखा जाता, जाति नहीं देखी जाती सिर्फ इन्सानियत देखी जाती है और वह सच्चा धर्म जो होता है, जब आप दिल में उस धर्म को धारण करते हैं तो आपके दिल में, आपके मन में दया का भाव, करुणा का भाव, सच्चाई का भाव और सेवा का भाव जागृत होता है. इसीलिए वह सच्चा धर्म कहलाता है. जो सच्चा धर्म होता है वह कभी बैर नहीं रख सकता, कभी लोगों को अलग नहीं कर सकता, लोगों को तोड़ नहीं सकता. उसका स्वभाव यही होता है कि आपके मन को शीतल बनाता है, मन में करुणा जगाता है और लोगों को आपस में भाइयों की तरह, बहनों की तरह जोड़ता है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सच्चा धर्म कायम रखा है और इसके पीछे न कोई राजनीति है और न कोई मकसद है. यह वह धर्म है जो संत रविदास महाराज जी ने सिखाया कि सबकी सेवा होनी चाहिए, सबको अन्न मिलना चाहिए, सबको छत मिलनी चाहिए और रोज-रोज आपका समाज इस धर्म को निभा रहा है. लोगों की मदद कर रहा है, जिसके पास कुछ नहीं है उनकी आप मदद करते हैं, आप सेवा करते हैं.
प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं जानती हूं कि जब पिछले साल कोरोना शुरू हुआ, तब मेरी कोशिश थी कि उत्तर प्रदेश के जो कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं वह भी लोगों की, जनता की सेवा करें. खासतौर से जब लॉकडाउन हुआ था और तमाम लोग घर के लिए अपने गांव के लिए शहरों से पैदल रवाना हुए. उस समय भी जब हमारे लोगों ने रसोइयां खोलीं, सेवा की. तब आपका जो समाज है जहां-जहां आपके समाज के लोग थे, आपने बहुत मदद की. इसके लिए भी मैं धन्यवाद देना चाहती हूं.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मेरी आशा है कि संत शिरोमणि रविदास महाराज जी की जो ख्वाहिश थी कि आपसी प्रेम व सद्भाव हो और एक दूसरे की सेवा की जाए. यह ख्वाहिश राजनीति में भी कायम रहे. मेरी तरह जो लोग राजनीति में आते हैं, वह इसी सेवा भाव से देश की सेवा करें.
Source : IANS