उत्तर प्रदेश में बस पॉलिटिक्स चल रही है. प्रियंका गांधी ने यह मांग की थी कि कांग्रेस पार्टी अपने खर्चे से प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाना चाहती है. इसके लिए पार्टी एक हजार बसों का इंतजाम करेगी. जिस पर योगी सरकार ने कहा था कि बसों की लिस्ट और ड्राइवरों का नाम उपलब्ध कराया जाए.
अब खबर यह है कि कांग्रेस ने बसों की जो लिस्ट उपलब्ध कराई थी उसमें ऑटो और मोटरसायकिल के नंबर भी शामिल थे. जिसके बाद अब पार्टी के भीतर ही प्रियंका के विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं.
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पहले रायबरेली की विधायक आदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा. तो वहीं अब पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने अपनी पार्टी पर निशाना साधा है. फेसबुक पोस्ट में सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि 'देश भयानक संकट से गुजर रहा हैं कांग्रेस नेतृत्व राजनीति में सस्ती लोकप्रियता के लिए खिलवाड़ कर रहा हैं. गंभीरता को ताक पर रखकर केवल प्रचार के लिए बसों का फर्ज़ीवाड़ा करके जनता के बीच मजाक का पात्र बन गया हैं.'
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वहीं आदिती सिंह ने कहा कि अगर बसे हैं तो राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में लगानी चाहिए. आदिती सिंह ने ट्वीट कर कहा कि 'आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई.'
Source : News Nation Bureau