उत्तर प्रदेश में पीपीएस अफसरों के साथ प्रमोशन में हो रहे भेदभाव को लेकर कैडर में नाराजगी बढ़ी है. सीओ से एडिशनल एसपी के 52 पद खाली है फिर भी प्रमोशन नहीं मिल रहा है. अफसर 12 साल की नौकरी के बाद भी प्रमोशन को तरस रहे हैं. बता दें, 6 महीने पहले 12 साल की योग्यता पूरी कर चुके एक पीपीएस अधिकारियों को प्रमोशन नहीं दिया गया. इसके अलावा कई अन्य अफसरों को भी प्रमोशन से काफी समय से दूर रखा गया है. इसे लेकर पीपीएस अफसरों में प्रमोशन को लेकर काफी नाराजगी है.
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दरअसल, कैडर के कई आईपीएस अफसरों को एडवांस में प्रमोशन मिला है, लेकिन वहीं पीपीएस अफसरों को 12 साल की नौकरी के बाद भी अदद प्रमोशन को तरस रहे हैं. हालाकी सीओ से एडिशनल एसपी के 52 पद अभी खाली हैं, लेकिन बावजूद इसके अफसरों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है. बता दें कि 8 साल में प्रमोशन के नियम को बदलकर अधिकारियों ने कभी 10 साल तो कभी 12 साल कर दिया. यही नहीं बलकि सीओ से एडिशनल एसपी के प्रमोशन के लिए रेणुका मिश्रा कमेटी ने 10 साल के नौकरी की अहर्ता सिफारिश की थी, लेकिन रेणुका मिश्रा कमेटी की सिफारिश को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
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पीपीएस अफसरों की शिकायत है, 2004 और 2005 बेच के एडिशनल एसपी बनने की राह देख रहे है. 2005 बैच के आईपीएस एसपी से एसएसपी और डीआईजी बन गए, 2011 बैच के सब इंस्पेक्टर तक इंस्पेक्टर बन गए, पर सीओ से भर्ती एडिशनल एसपी नहीं बन पाए.
Source : News Nation Bureau