उन्नाव जिला जेल में बंद कैदी व बंदी अब रेडियो जॉकी का किरदार निभाएंगे. संगीत का हुनर रखने वाले बंदी रेडियो जॉकी बनेंगे और अपने संगीत के हुनर से जेल में बंद कैदी व बंदियों का मनोरंजन करेंगे. इससे उनका मानसिक तनाव दूर होगा. इस पहल को डॉ प्रदीप रघुनंदन ने शुरू किया है. जो प्रदेश के कई जेलों में बंद कैदियों के आचरण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्नाव जेल में रेडियो जॉकी की शुरुआत मकर संक्रांति के पर्व से हो चुकी है. जेल अधिकारियों और डीएम की मौजूदगी में यह कार्यक्रम शुरू हुआ. डीएम ने इस पहल की सराहना की है.
उन्नाव जेल में बनाया गया यह छोटा सा रेडियो स्टेशन जिला कारागार में बंद अपने साथियों की फरमाइश पर गीत सुनाएगा. इसके साथ ही दिन भर के क्रियाकलापों व मुख्य घटनाओं एवं प्रेरक प्रसंगों को भी प्रस्तुत करेगा. जेल सुधार के क्षेत्र में 14 वर्षों से काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता व जेल सहायक डॉक्टर प्रदीप रघुनंदन की पहल पर उन्नाव जेल का अपना रेडियो स्टेशन होगा.
जेल के बंदी ही इसमें रेडियो जॉकी की भूमिका निभाएंगे. आपको बता दें कि हर रोज करीब 4 घंटे रेडियो जॉकी का कार्यक्रम चलेगा. जेल में रेडियो स्टेशन बनाने के पीछे की सोच यह है कि इससे जेल में बंद कैदियों और बंदियों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी. इसके साथ ही संगीत का हुनर रखने वाले बंदी अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे.
इस मामले पर डीएम का कहना है कि यह एक अच्छी पहल है जिससे बंदी व कैदियों को स्वस्थ मनोरंजन मिलेगा और शासकीय योजनाओं की जानकारी मिलेगी. रेडियो के जरिए वह बाहरी दुनिया की खबर भी जान सकेंगे. जेल अधीक्षक एके सिंह ने कहा कि जेल में रेडियो का कार्यक्रम बंदियों के लिए बंदियो के द्वारा किया जाएगा. इससे बंदियों का स्ट्रेस कम होगा और विधिक जानकारी भी मिलेगी.
Source : News Nation Bureau