उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के ऊंचाहार स्थित नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) के प्लांट में बुधवार को हुए हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। घटनास्थल का जायजा लेने और पीड़ितों से मिलने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पहुंचे।
रायबरेली हादसे में मृतकों की संख्या को लेकर पुलिस महानिरीक्षक सुनील गुप्ता (कार्मिक) ने पत्रकारों को बताया कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 तक पहुंच गई है और कुल 59 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। एनटीपीसी के कर्मचारी और स्थानीय लोगों अनुसार मृतकों की संख्या 100 के आसपास और घायलों की संख्या लगभग 250 है।
इस बीच रायबरेली पहुंचे केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की। उन्होंने एनटीपीसी के प्लांट में उस जगह का भी निरीक्षण किया जहां बॉयलर फटा था।
सिंह ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के बाद भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हो, उसकी व्यवस्था की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को केंद्र सरकार की तरफ से 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। वहीं घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। मामूली रूप से घायल लोगों को 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे।'
विपक्षी नेता राहुल गांधी गुजरात में अपने कार्यक्रम छोड़कर गुरुवार सुबह ही ऊंचाहार पहुंचे। उन्होंने एनटीपीसी प्लांट के अंदर जाकर घटनास्थल का जायजा लिया। इससे पहले वह अस्पताल जाकर घायलों और मृतकों के परिजनों से भी मिले।
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राहुल ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष और रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी ने एनटीपीसी में हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है। अस्वस्थ रहने के कारण वह खुद नहीं आ सकीं। वह दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उनके हर दुख में मदद के लिए तत्पर रहेंगी।'
उन्होंने केंद्र सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया, 'एनटीपीसी का यह प्लांट तीन वर्ष में शुरू होना था, अभी इसमें कई तरह की खामियां थीं, फिर भी इसे ढाई वर्षो के भीतर ही क्यों शुरू कर दिया गया?' राहुल ने हर मृतक के परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की है।
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एनटीपीसी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (मीडिया एंड कम्युनिकेशन) राजेश मल्होत्रा ने कहा कि संयंत्र के प्रबंधन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। घटना के कारणों का पता जल्द लगाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी ने घटना के तत्काल बाद राहत व बचाव कार्य के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर हर जरूरी कदम उठाए हैं। एनटीपीसी प्रबंधन इस घटना के पीड़ितों व उनके परिजनों के साथ खड़ा है।
बुधवार को ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी की 500 मेगावाट की 6ठी इकाई में बॉयलर की राख वाली पाइप अचानक फट गई। इस हादसे की चपेट में सौ से अधिक कर्मचारी आ गए।
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घटना के बाद दर्जनों घायलों को जिला अस्पताल और शहर के एक निजी अस्पताल में भेजा गया। कुछ घायलों को एनटीपीसी के अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है।
प्रदेश की योगी सरकार ने भी हादसे में मारे गए लोगों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार तो मामूली रूप से घायलों को 25 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। इसके अलावा घायलों के इलाज का पूरा खर्च भी सरकार उठाएगी।
एनटीपीसी ने भी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक आर.एस. राठी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी और घायलों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जएगी।
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Source : IANS