मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब उत्तर प्रदेश की ये विधायक भी अब उन्हीं की राह पर निकल पड़ी है. रायबरेली की सदर विधायक अदिति सिंह लगातार कांग्रेस के खिलाफ ही बयानबाजियां करतीं आ रही हैं अब उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से आईएनसी हटा दिया है. इतना ही नहीं अदिति सिंह ने अपने ट्वीटर से वेरीफाइड मार्क ब्लूटिक का निशान भी गायब हो गया है. आपको बता दें कि इससे पहले मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने ट्विटर प्रोफाइल और बायो चेंज किया था, जिसके बाद मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ और कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
सिंधिया के बाद अब कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में सदर विधायक ने भी अपनी अलग राह चुन ली है. आपको बता दें कि साल 2017 में पहली बार सियासत में उतरी अदिति सिंह ने अपने पिता अखिलेश सिंह की सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंची. पिछले कुछ महीनों से अदिति सिंह लगातार अपनी ही पार्टी पर हमलावर रहीं हैं.
अपनी ही पार्टी पर रहीं हमलावर
अदिति सिंह ने कोरोना संकट की वजह से किए गए लॉकडाउन के दौरान यूपी की बस पॉलिटिक्स में लगातार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर हमलावर रहीं थी. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अदिति सिंह ने बस पॉलिटिक्स में अपनी पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के रुख की कड़ी आलोचना करते हुए यूपी की योगी सरकार के रुख का समर्थन किया था.
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आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghRBL) May 20, 2020
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बस पॉलिटिक्स में प्रियंका गांधी के खिलाफ की बयानबाजी
अदिति सिंह ने बस पॉलिटिक्स मामले में 20 मई को ट्वीट कर लिखा था, 'आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई.'
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कांग्रेस के टिकट पर शुरू किया था राजनीतिक करियर
आपको ये बी बता दें कि रायबरेली से कांग्रेस के टिकट पर राजनीतिक पारी का आगाज करने वाली अदिति सिंह लंबे समय से अपनी ही पार्टी यानि कि कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं. पिछले साल कांग्रेस पार्टी ने व्हिप जारी करते हुए कहा था कि विधानसभा के विशेष सत्र में पार्टी का कोई विधायक हिस्सा नहीं लेगा लेकिन अदिति सिंह ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं. इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. इतना ही नहीं अगस्त 2019 में कश्मीर से धारा-370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था. हाल ही में कोरोना वॉरियर्स के लिये पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये भी जलाये थे.