बहुचर्चित राजा मान सिंह हत्या कांड मामले में आज कोर्ट ने फैसला सुना दिया. 35 साल बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला. आज का दिन पीड़ित परिवार के बहुत ही अहम है. मथुरा कोर्ट ने कल 21 जुलाई को 11 आरोपियों को दोषी करार दिया था. आज यानि बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. तात्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 11 पुलिस कर्मियों को आजीवन कैद की सजा मिली. 35 साल बाद मंगलवार को फैसला आया था. 78 गवाहों की गवाही, 20 जजों की सुनवाई और 1607 तारीखों के बाद आज दोषियों को सजा मिली. 11 पुलिसकर्मी दोषी करार दिए गए. 21 फरवरी 1985 को डीग थाने पर राजा मानसिंह सहित 3 लोगों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हुई थी.
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ये है पूरा मामला
घटना से एक दिन पूर्व 20 फरवरी 1985 को तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के मंच और हेलीकॉप्टर को राजा मानसिंह पर अपनी शाही जीप से तोड़ने का आरोप था. भरतपुर में सीएम की रैली से पूर्व कांग्रेसियों ने राजा मानसिंह के हुडिंग और पोस्टरों को फाड़ा था. घटना के वक्त राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी. 21 फरवरी 1985 को राजा मानसिंह की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गयी थी. जब वह चुनाव प्रचार के दौरान डीग अनाज मंडी में थे. इस फर्जी एनकाउंटर मामले के मुख्य आरोपी डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 17 पुलिसवाले आरोपी थे. एनकाउंटर से एक दिन पूर्व राजा मान सिंह पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर तथा मंच को अपने जोगा गाड़ी से तोड़ने का आरोप लगा था. इसके लिए राजा मानसिंह के खिलाफ दो अलग-अलग मुक़दमे भी कायम हुए थे.
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पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई ने किया था दाखिल
घटना के वक्त राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और शिव चरण माथुर मुख्यमंत्री थे. इस मामले में डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 17 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई ने दाखिल किया था. इस मामले की सुनवाई मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही है. पुलिस के अनुसार यदि घटनाक्रम की बात करें तो इस हत्याकांड से पूर्व राजा मानसिंह ने अपने जोंगे गाड़ी से मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर व चुनावी सभा के मंच को टक्कर मारी थी. उसके संबंध में दो अलग-अलग मुकदमे 307 में राजा मानसिंह उनके साथियों के विरुद्ध दर्ज हुए थे. 21 तारीख को पुलिस को सूचना मिली कि राजा मानसिंह आज फिर किसी वारदात को अंजाम देने वाले हैं.