भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम जन्मभूमि परिसर में 48 दिनों तक चलने वाले मंडल उत्सव राग सेवा का समापन हुआ. जिसके अंतर्गत भगवान राम लला के उत्सव प्रतिमा के साथ-साथ विराजमान राम लला की प्रतिमा को 1000 कलश पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया है. इसमें सरयू और गंगा प्रमुख रूप से शामिल है. इसके साथ ही भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया है. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य और मंडल पूजा के आयोजक विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य जी महाराज की मानें तो भगवान की 48 दिनों तक मंडल सेवा आज पूरी हो गई है. इस दरमियान आज शाम को राग उत्सव में गायन और भगवान के सामने नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा. इसके साथ ही भगवान के सामने चारों वेदों के परायण होंगे और रामायण का भी परायारण किया जाएगा.
मंडल पूजा और राग सेवा का आयोजन
भगवान राम लाल के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद से ही 23 जनवरी से भगवान राम लला के मंडल पूजा और राग सेवा का आयोजन किया गया था. जिसमें भगवान की विविध तरह से पूजन दर्शन किया जाता था और प्रतिदिन शाम को राम जन्म भूमि परिसर में भगवान राम लला की उत्सव प्रतिमा को पालकी पर घुमाया जाता था. जिसके बाद भगवान का अभिषेक गायन नृत्य किया जाता था. 48 दिनों तक चलने वाली इस मंडल पूजा का आज समापन हो चुका है. इस दरमियान विविध धार्मिक अनुष्ठान राम जन्मभूमि परिसर में किया ही गए. 48 दिन में देश के नाम जिन कलाकारों ने रामलला के सामने अपनी कला का प्रदर्शन किया फिर उसमें भजन गायक सूफी गायक नृत्य प्रस्तुत किए गए. इसमें फिल्म जगत की मशहूर हस्तियां भी शामिल रही.
1000 कलश के पवित्र जल से स्नान कराया
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य ने बताया कि आज मंगल पूजा समाप्त हुई है. 1000 कलश पवित्र नदियों के जल जिसमें सरयू गंगा शामिल हैं, उसका अभिषेक हुआ है. विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य ने बताया कि भगवान को 1000 कलश के पवित्र जल से स्नान कराया गया और 56 व्यंजनों का भोग भी लगाया गया है. शाम को पालकी उत्सव होगा भजन भगवान के सामने गायन नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा. इसके साथ ही चारों वेदों का फरान रामायण का पारायण किया जाएगा. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि 48 दिन की मंगल पूजा समाप्त हो चुकी है
Source : News Nation Bureau