उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के बढ़ते कहर के बीच अयोध्या (Ayodhya) प्रशासन ने नवरात्रि के अंतिम दिन तीर्थयात्रियों के भारी भीड़ को आकर्षित करने वाले 'रामनवमी के मेले' (Ramanavami) को स्थगित करने का फैसला किया है. इस बार यह मेला 21 अप्रैल से शुरू होने वाला था. अयोध्या की सीमाओं को सील कर दिया जाएगा और हरिद्वार कुंभ (Kumbh) के संतों को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. रामनवमी पर राम जन्मभूमि मंदिर में पूजा करने के लिए सैकड़ों की संख्या में संत अयोध्या आने वाले थे. गौरतलब है कि कोविड-19 (COVID-19) महामारी पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कई कड़े कदम उठाए हैं. इसमें रविवार के लॉकडाउन से लेकर मास्क नहीं पहनने वालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान तक शामिल है.
इस कड़ी में जिला प्रशासन ने भक्तों को घर पर ही रामनवमी मनाने का निर्देश दिया है और मंदिरों में मौजूद तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी की है. जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने कहा, 'हमारी प्राथमिकता कोरोना श्रृंखला को तोड़ने की है. हमने सभी एहतियाती कदम उठाए हैं और अयोध्या में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाया है.' राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, 'महामारी के कारण इस साल 'राम नवमी' पर मंदिर में कोई भक्त नहीं होगा. केवल एक पुजारी, ऑन-ड्यूटी पुलिसकर्मी और राम लला विराजमान होंगे.' यह लगातार दूसरा वर्ष है जब महामारी के कारण रामनवमी का जश्न नहीं मनाया जाएगा.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवंबर 2019 में मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद शहर में रामनवमी नहीं मनाई गई है. सरयू कुंज मंदिर के मुख्य पुजारी महंत जुगल किशोर शरण शास्त्री ने कहा, 'सिर्फ भक्त ही नहीं, महामारी के कारण अयोध्या के संत भी राम जन्मभूमि के मंदिर में पूजा-अर्चना करने नहीं जाएंगे. हरिद्वार कुंभ का आयोजन करना एक बड़ी भूल थी, लेकिन हम इसे अयोध्या में फिर से दोहरा नहीं सकते.
HIGHLIGHTS
- लगातार दूसरे साल अयोध्या में नहीं मनेगा रामनवमी का जश्न
- कोरोना महामारी के बढ़ते कहर के कारण प्रशासन का फैसला
- पूजारी, ऑन ड्यूटी पुलिसवाला ही रहेंगे रामलला के समक्ष