प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi 2.0) जब दोबारा सत्ता में आए तो उन्होंने लोकसभा में अपने सांसदों से वीआईपी कल्चर (VIP Culture) से दूर रहने को कहा था. देश की जनता भले ही पीएम मोदी की बात मान ले लेकिन बीजेपी (BJP) के नेताओं पर उनकी बात का कोई असर नहीं होने वाला है. बीजेपी के नेता, सांसद और विधायक सिर्फ नरेंद्र मोदी के नाम पर जीत जाना चाहते हैं लेकिन उनकी बातों को मानना नहीं चाहते.
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इसका ताजा मामला सामने आया है आगरा से. जहां इटावा से बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) के समर्थकों पर टोल नाके पर मारपीट का आरोप लगा है. जानकारी के मुताबिक आगरा (Agra) इनर रिंग रोड स्थित रहनकला टोल पर मारपीट हुई है.
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बताया जा रहा है कि सांसद के साथ तीन गाड़ियां थीं. एक स्कॉर्ट और दो अन्य गाड़ी थी. गाड़ी को एक के बाद एक निकालने पर विवाद शुरू हुआ. टोलकर्मियों ने जब इसका विरोध किया तो सांसद के समर्थकों ने 2 राउंड फायरिंग की. मारपीट में 4 टोलकर्मी और बाउंसर घायल हुए हैं.
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सांसद के समर्थकों का फायरिंग करते हुए सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है. सुबह चार बजे की घटना बताई जा रही है. राम शंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) अपनी पत्नी के साथ थे. राम शंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria) का विवादों से पुराना नाता है. यह कोई पहला मामला नहीं है जब उनके ऊपर मारपीट का आरोप लगा है.
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इससे पहले इटावा में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वह दरोगा से मारपीट कर चुके हैं. आगरा में सांसद रहते हुए भी दबंगई की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. टोल अधिकारियों ने थाना त्मादपुर में शिकायत की है. टोलकर्मियों ने सांसद पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
अमीरों की गरीबी दिखती है टोलनाके पर
टोलनाके पर नेताओं और रसूखदार लोगों की गुंडई का यह कोई पहला मामला नहीं है. आए-दिन टोल नाकों पर मारपीट की घटना सामने आती रहती है. अगर आपको अमीरों की गरीबी देखनी हो तो टोल नाके पर चले जाइए. वहां 25-50 लाख की गाड़ियों में सफर करने वाले लोग 50-60 रुपये टोल टैक्स नहीं दे सकते. वह सारा पैसा टोल टैक्स में ही बचा लेना चाहते हैं. इसका किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है.
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आज बीजेपी के विधायक और सांसदों पर अगर मारपीट का आरोप लगता है तो कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं पर भी यह आरोप लगते रहे हैं. जब यूपी में सपा की सरकार थी तो भी यह देखने को मिलता था. वीआईपी होने की मानसिकता बत्ती से नहीं बल्कि दिमाग से आती है.
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इन बड़ी-बड़ी गाड़ियों में बैठे लोगों को यही लगता है कि गाड़ी उनकी है तो सारा जहां उनका ही है. हमसे कोई टैक्स नहीं ले सकता. इस तरह के मामले हर रोज आते रहते हैं और शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब टोल नाकों पर लड़ाई न होती हो.