अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया है. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने इस बारे में जानकारी दी. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने ट्वीट किया, श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के निर्माण हेतु कार्य प्रारंभ हो गया है. CBRI रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कम्पनी L&T के अभियंता भूमि की मृदा के परीक्षण के कार्य में लगे हुए है. मन्दिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है.
उन्होंने बताया कि श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो. मन्दिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नही किया जाएगा.
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इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में ऐसा भव्य राम मंदिर बनेगा, जिसमें रामलला एक हजार वर्ष तक सुरक्षित रहेंगे. फिलहाल रामलला मंदिर (Ram Lala Temple) की नींव की ड्राइंग बनकर तैयार है. निर्माण के लिए एलएनटी कंपनी तैयार है. चंपत राय ने यहां बताया कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का काम चंद रोज में शुरू हो जाएगा. राम मंदिर निर्माण कार्य के बारे में जानकारी देते हुए राय ने बताया कि अब तकनीकी काम है. यह मंदिर 1000 साल तक इस सृष्टि के आंधी-तूफान को सहता रहेगा. इसलिए निर्माण में उसी तरह की तकनीकी का इस्तेमाल भी होगा.
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30 करोड़ रुपए चंदा आया
चंपत राय ने कहा, 'रामलला की जन्मभूमि पर बड़ी संख्या में प्राचीन अवशेष मिलने की उम्मीद है. हम उसको सहेज के रखेंगे.' उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में दानदाता सामने आ रहे हैं. जब राम जन्मभूमि परिसर की जिम्मेदारी ट्रस्ट को सौंपी गई थी, तो रामलला के पास मात्र 12 करोड़ रुपये की जमा पूंजी थी. अब यह 30 करोड़ के करीब पहुंच गई है. शिला-पूजन के दिन रामलला को 49,000 रुपये का दान मिला था. राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि अभी विदेशों से दान नहीं लिया जाएगा.