Advertisment

देश हित में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का रामाग्रह यात्रा और शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि पुलवामा की घटना के बाद देश की बदली परिस्थितियों के मद्देनजर हम अपनी पूर्व से ही प्रस्तावित और परमधर्मसंसद् 1008 द्वारा उद्घोषित अयोध्या

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
देश हित में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का रामाग्रह यात्रा और शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज (फाइल फोटो)

Advertisment

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि पुलवामा की घटना के बाद देश की बदली परिस्थितियों के मद्देनजर हम अपनी पूर्व से ही प्रस्तावित और परमधर्मसंसद् 1008 द्वारा उद्घोषित अयोध्या "श्री रामजन्मभूमि रामाग्रह यात्रा और शिलान्यास का कार्यक्रम" स्थगित करते हैं.

यह घोषणा ज्योतिष्पीठ और द्वारका शारदापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने आज काशी के श्रीविद्यामठ से यात्रा के संयोजक स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के माध्यम से जारी वक्तव्य के माध्यम से की. ज्ञात हो कि पूज्य शंकराचार्य जी कल बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के आईसीयू से काशी के केदार घाट स्थित श्रीविद्यामठ चले आए थे और अपनी रामाग्रह यात्रा में सम्मिलित होने के लिए आज प्रयाग रवाना होने वाले थे.

स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि शंकराचार्य आज प्रयाग जाने के लिए सन्नद्ध थे. उनसे उनका स्वास्थ्य ठीक न होने का हवाला देकर यात्रा स्थगित करने या स्वरूप में बदलाव करने की प्रार्थना की जा रही थी पर वे तैयार नहीं हो रहे थे. आज सवेरे जब उनके प्रमुख शिष्य और सहयोगियों ने स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज, ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद, डॉक्टर श्रीप्रकाश मिश्र आदि के साथ उन्हें टेलीविजन में पुलवामा घटना और उसके बाद देश की परिस्थितियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया. तब वे शांत हो गए और कुछ देर बाद वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने भी यही अनुरोध किया तो उन्होंने कहा कि हम देश के साथ हैं.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने पत्र लिखकर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेलीफोन कर इसी आशय का अनुरोध किया. इस पर शंकराचार्य ने कहा कि यद्यपि श्रीरामजन्मभूमि के संदर्भ में हमने जो निर्णय लिया है वह सामयिक और आवश्यक भी है. तथापि देश में उत्पन्न हुई इस आकस्मिक परिस्थिति के आलोक में हम यात्रा को कुछ समय स्थगित करने का निर्णय ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि रामाग्रह और शिलान्यास कार्यक्रम इसलिए भी आवश्यक है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि अधिग्रहित भूमि में से विवादित भूमि उनके मूल मालिकों को वापस की जाए, जिसमें मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हो सके.

उच्चतम न्यायालय ने भी केंद्र सरकार की इस अर्जी को मूल वाद से जोड़ दिया है. इस कदम से उस भूमि के सदा सदा के लिए हिंदुओं के हाथ से निकल जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है, जहां रामलला विराजमान हैं और जिनके लिए शताब्दियों से हिंदुओं ने संघर्ष किया है, न्यायालय से भी जिसे राम जन्मभूमि घोषित किया जा चुका है. दूसरे श्रीराम को मनुष्य बुद्धि से देखकर उनका पुतला बनाने की जो योजना बनाई गई है वह भी और शास्त्रीय और सनातन धर्म और सनातन धर्मियों की भावना के विपरीत हैं, परंतु आज कश्मीर की आतंकवादी गतिविधियों से देश में युद्ध जैसा वातावरण बन गया है. आतंकवाद से पीड़ित हमारे सैनिकों के परिवार अत्यंत व्यथित हैं. भारत देश की रक्षा के लिए अपने प्राणोत्सर्ग करने वाले नौजवान सैनिकों को हम श्रद्धांजलि देते हैं और उनके परिजनों की भावनाओं के साथ शाम को संबोधित करते हैं.

इस अवसर पर हम राष्ट्र को संदेश देते हैं कि यह समय एकजुट होकर आतंकवादियों और उनके पीछे खड़े लोगों के विरुद्ध अपनी दृढ़ता का परिचय देने का है. हमें यह संभावना दिखती है कि हमारे रामाग्रह यात्रा और शिलान्यास के कार्यक्रम से पूरे राष्ट्र का ध्यान भटका सकता है. हम नहीं चाहेंगे कि हमारा कोई भी कार्यक्रम राष्ट्र हित में व्यवधान डाले. हम सदा से देशवासियों की भावनाओं के साथ रहे हैं. अतः हम वर्तमान अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि रामाग्रह यात्रा और शिलान्यास का अपना कार्यक्रम कुछ समय के लिए स्थगित कर रहे हैं. अवसर के अनुकूल नया मुहूर्त निकाल कर हम इस कार्यक्रम को भविष्य में पूरा करना चाहेंगे,

जो लोग हमारे इस अभियान के लिए अपने घरों से निकल चुके हैं और प्रयाग आदि स्थानों पर पहुंच चुके हैं उनको हमारा निर्देश है कि वह संगम स्नान करके संभव हो तो अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन कर अपने अपने घरों को वापस चले जाएं. प्रयाग, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर और अयोध्या के उन लोगों के लिए भी हम अपना आशीर्वाद कह रहे हैं जो उन स्थानों में हमारे सहित हजारों लोगों के रहने खाने और समाधि का प्रबंध किया था. सुरक्षा में लगे लोगों, प्रशासन, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जो पत्रकार बंधु यात्रा को कवर करने के लिए प्रयाग पहुंचे थे और अन्य स्थानों से भी यात्रा को कवर कर रहे थे उन्हें हम आशीर्वाद प्रदान करते हैं और उनके सहयोग के लिए साधुवाद देते हुए भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा रखते हैं.

Source : harendar chaudhary

CM Yogi Adityanath Adjourned program Pulwama assault Jagadguru Shankaracharya Swami Swarupananda Saraswati ji Maharaj country interest Ramaghat Yatra Shilanyas
Advertisment
Advertisment