रामचरित मानस विवाद में समाजवादी पार्टी (SP) ने अपने दो तेज तर्रार नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. रोली तिवारी और ऋचा सिंह दोनों रामचरित मानस विवाद में स्वामी प्रसाद के खिलाफ मुखर होकर विरोध कर रही है. रामचरित मानस का समर्थन करने के चलते सपा ने अपने दो महिला नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. विवाद की शुरुआत से ही ऋचा सिंह और रोली तिवारी खुलकर स्वामी प्रसाद का विरोध कर रही थीं. इन दोनों नेताओं के विरोध करने से पार्टी असहज महसूस कर रही थी. चूंकि, अखिलेश यादव ने भी इस मामले को हर कदम पर स्वामी प्रसाद मौर्या का समर्थन किया है, इसलिए इन दोनों नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया है.
आपको बता दें कि साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में रोली तिवारी और ऋचा सिंह सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं और पार्टी की प्रवक्ता भी हैं. रोली तिवारी आगरा से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, जबकि ऋचा सिंह प्रयागराज पश्चिम सीट से चुनाव लड़ी थीं.
लोहिया के राम राज्य की बात करना पड़ा महंगा
ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बार-बार यह याद दिलाया कि लोहिया जी कहते थे समाजवाद राम राज्य में ही निहित है और पार्टी में आए अभी चार दिन हुए कि स्वामी प्रसाद सपा को आपस में ही लड़ाना चाहते हैं.
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गौरीगंज विधायक भी हो सकते हैं आउट
अमेठी की गौरीगंज सीट से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह भी रामचरित मानस विवाद पर स्वामी के खिलाफ बयान दे चुके हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि जहां डॉ. राम मनोहर लोहिया राम राज्य की बात करते थे वहीं आज चार दिन के पार्टी में आए स्वामी प्रसाद मौर्या रामचरित मानस पर इस तरह का बयान दे रहे हैं, चाहें राजनीति रहे या ना रहे लेकिन हम अपनी सनातन परंपरा से कोई भी समझौता नहीं कर सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- स्वामी प्रसाद के बयान के बाद दोनों उनके खिलाफ थी मुखर
- निष्कासन से दिख रहा अखिलेश का स्वामी प्रसाद को है समर्थन
- स्वामी का विरोध और रामचरित मानस का समर्थन करना पड़ा भारी