Ramcharitmanas Controversy : बिहार से रामचरितमानस को लेकर शुरू हुआ विवाद अब यूपी पहुंच गया है. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बाद अब समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (SP leader Swami Prasad Maurya) ने रामचरित्रमानस पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने रामचरित मानस में कुछ पंक्तियों को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि यह एक हिंदू ग्रंथ नहीं है. अगर हिंदू ग्रंथ है तो हिंदुओं की इतनी बड़ी आबादी को अपमानित नहीं कर सकता. स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है. अगर समाजवादी पार्टी इस बयान का समर्थन करती है तो उसकी मर्जी है.
यह भी पढ़ें : US: कैलिफोर्निया में चीनी नए साल का जश्न मनाते लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग, 16 हताहत
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने अपने बयान में कहा कि तुलसीदास रचित रामचरितमानस को प्रतिबंधित करना चाहिए. जिस साहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए. अगर सरकार रामचरितमानस को प्रतिबंधित नहीं कर सकती तो उन शोलोक को निकाल देना चाहिए.
यह भी पढ़ें : Sonu Sood receives grand welcome in Telangana : सोनू की निकाली गई रथयात्रा, बड़ी तादाद में उमड़े 'भक्त'
रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कई बड़े बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिसमें यह सब बातें लिखी हैं, 52 प्रतिशत आबादी वाली जनसंख्या के बारे में गलत बातें लिखी गई हैं. 'ढोल, गंवार, शुद्र, पशु, नारी सकल ताड़ना के अधिकारी' जैसी चौपाइयों पर उन्होंने कहा कि शुद्र मतलब पिछड़ा समाज, महिला मतलब आधी आबादी ऐसे में यह सभी हिंदू हैं और कैसे कोई हिंदू ग्रंथ इनको प्रताड़ित करने की बात कर सकता है.
यह भी पढ़ें : आलोक मेहता का विवादित बयान, 10% आरक्षण वालों को बताया अंग्रेजों का दलाल
आपको बता दें कि इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था, जिसे लेकर पूरे देश में बवाल मच गया था. अब सपा के नेता ने भी विवादित बयान दे दिया है.