राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में दिल्ली में बेकाबू कोरोना संक्रमण का असर उत्तर प्रदेश में न हो इसलिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. नोएडा के साथ गाजियाबाद में अब तक दिल्ली से आने वाले लोगों के रैंडम कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं. लेकिन अब सरकार ने यह फैसला लिया है कि पूरे राज्य में दिल्ली से फ्लाइट, बस और ट्रेन के जरिए आने वाले हर यात्री का कोरोना टेस्ट किया जाएगा.
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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी का कहा है तकि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए उड़ान, बस या ट्रेन के माध्यम से दिल्ली से आने वाले लोगों का परीक्षण होगा. उधर, उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश में लगाई गई पाबंदियों को लेकर जानकारी दी. सोमवार को उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी सामाजिक-राजनीतिक कार्यक्रमों और अन्य सामूहिक गतिविधियों में किसी भी बंद स्थान (हॉल / कमरे) पर 50 फीसदी क्षमता एवं अधिकतम 100 व्यक्तियों की अनुमति होगी. फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग व सेनेटाइडर एवं हैण्ड वॉश की उपलब्धता अनिवार्य है. खुले स्थानों पर ऐसी सामुहिक गतिविधियों में कुल क्षमता के 40 फीसदी से कम ही लोगों को अनुमति है.
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नोएडा और गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर से लगे रास्तों से आने वाले लोगों को रैंडम टेस्ट किए जा रहे हैं. बॉर्डर के अलावा रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर रैंडम जांच की जा रही है. अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि दिल्ली से आने वाले व्यक्तियों की रैंडम रूप से कोरोना जांच सुनिश्चित कराई जाए, ताकि जनपद में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. रैंडम कोरोना टेस्ट के दौरान नोएडा में अब तक कई लोग संक्रमित मिले हैं.
Source : News Nation Bureau