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गुरु पूर्णिमा पर पिता को याद कर भावुक हुए रवि किशन, कहा-नहीं दे पाए गुरु दक्षिणा

गोरखपुर के सांसद रवि किशन भावुक हो गए. न्यूज़ नेशन/ न्यूज़ स्टेट से बात करते हुए रवि किशन ने कहा कि उनके जीवन में पहले और आखिरी गुरु उनके पिता श्यामजी ही थे.

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Mohit Saxena
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Ravi Kishan( Photo Credit : newsnation)

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आज गुरु पूर्णिमा का पर्व भारत में बेहद श्रद्धा के साथ मनाया जा  रहा है. गुरु को समर्पित इस पर्व पर अपने पिता को याद करते हुए गोरखपुर के सांसद रवि किशन भावुक हो गए. न्यूज़ नेशन/ न्यूज़ स्टेट से बात करते हुए रवि किशन ने कहा कि उनके जीवन में पहले और आखिरी गुरु उनके पिता श्यामजी ही थे. उन्हें जो शक्ल सूरत, काया और आवाज मिली है वह अपने पिता की ही बदौलत है. उनके पिता ने उनको काफी कुछ सिखाया जो उनके जीवन मे हमेशा काम आया. रवि किशन का कहना है कि पिता के अलावा वह देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी अपने गुरु समान मानते हैं क्योंकि सियासत में इनसे उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है.

रवि किशन का कहना है कि एक गुरु होना बड़ी जिम्मेदारी का पालन करना है. आज उनके भी हजारों की संख्या में भोजपुरी इंडस्ट्री में शिष्य हैं, जिन्होंने उनसे सीख कर फिल्म की कई विधाओं में काम किया है और कर रहे हैं. वह भी कोशिश करते हैं कि फिल्मों में नए कलाकारों और निर्माता निर्देशकों को मौका मिले. रवि किशन ने कहा कि वह नए और पुराने कलाकारों को भी हमेशा इस बात की सीख देते हैं कि इंडस्ट्री में हर किसी की इज्जत करनी चाहिए जो कोई कुछ  सिखाता है उसे एक गुरु के समान मानकर अच्छी बातें सीखनी चाहिए.

रवि किशन का कहना है कि उन्हें इस बात का मलाल आज भी है कि वह अपने पिता को जीते जी गुरु दक्षिणा नहीं दे पाए. उनके पिता की इच्छा थी कि उनके गांव में एक भव्य देवी मंदिर का निर्माण हो लेकिन उनकी इच्छा पूरी होने से पहले ही वह स्वर्ग लोग चले गए. अपने गांव में अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए वह भव्य मंदिर का निर्माण करा रहे हैं. यह मंदिर पूर्ण होने पर उनके गुरु को उनकी गुरु दक्षिणा होगी. 

Source : Deepak Shrivastava

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