उत्तर प्रदेश सरकार डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के बाद अब वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र (आरसी) को भी स्मार्ट कार्ड में परिवर्तित करने जा रही है. परिवहन अधिकारियों का कहना है कि वाहनों की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) में काफी फर्जीवाड़ा होता है. चेकिंग के दौरान आरसी और डीएल के असली व नकली की पहचान करना मुश्किल होता है. ऐसे में आरसी को कागजी झंझट से मुक्त कर माइक्रो लेबल पर लाया जाएगा. दिल्ली, मुंबई समेत कई महानगरों में इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी है. अब वहां से इस संबंध में जानकारी मांगी गई है.
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अभी तक प्रदेश में कागज से आरसी तैयार होती है और इस कारण आरटीओ और पुलिस अधिकारियों को कई बार असली व नकली आरसी की पहचान करना मुश्किल होता है. ऐसे में स्मार्टकार्ड की तर्ज पर बनने वाली आरसी में वाहन एवं चालक से संबंधित जानकारी उपलब्ध होने से पूर्व में हुए चालान का रिकॉर्ड हासिल करने में भी मदद मिलेगी.
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ऑनलाइन रिकॉर्ड से सड़क पर चेकिंग के दौरान संबंधित परिवहन अधिकारी मोबाइल एप की मदद से वाहन की सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं. अपर परिवहन आयुक्त गंगाफल ने बताया कि स्मार्ट कार्ड की तर्ज पर आरसी जारी करने के खिलाफ कोर्ट में कई मामले लंबित हैं. जैसे ही न्यायालय का मामला निपटेगा, टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इस पर शीघ्रता से काम शुरू किया जाएगा.
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