अलीगढ़ में गणतंत्र दिवस के मौके पर प्राइमरी स्कूल के एक मुस्लिम अध्यापक ने भारत माता व मां सरस्वती की तस्वीर के आगे फूल चढ़ाने से इंकार कर दिया. जब उससे अन्य शिक्षक व ग्रामीणों ने कहा कि वह फूल चढ़ा दें तो पहले तो वह पेट दर्द और बीमारी की बात करता रहा फिर उसने कहा कि मेरे मजहब में नहीं है. वहां किसी के सामने मत्था नही टेकते सिर्फ ऊपर वाले के अलावा. इस बात का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया. हालांकि दबाव के बाद उस मुस्लिम अध्यापक ने बाद में फूल भी चढ़ाएं. वीडियो वायरल होने के बाद इलाका पुलिस भी जांच के लिए पहुंच गई. मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी जांच के आदेश दिए हैं.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
अलीगढ़ के तहसील इगलास क्षेत्र के गांव लखटोई के प्राइमरी प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक हसमुद्दीन का 2 मिनट 33 सेकंड का एक वीडियो काफी तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में शिक्षक हसमुद्दीन लकड़ी की कुर्सी पर बैठा हुआ है. तभी मुस्लिम शिक्षक हसमुद्दीन के पास 2 से 3 लोग पहुंचते हैं और कहते हैं कि ये आपकी गलत बात है, हम लोग भी तो मुस्लिम लोगों के कार्यक्रम में जाते हैं. हम लोग भी तो वहां पर मत्था टेकते हैं. जिस पर मुस्लिम शिक्षक कहता है बात उनकी सही है कि आप मत्था टेकते हैं. जिस पर वो लोग मुस्लिम शिक्षक से फिर कहते हैं कि उनकी बात को माने और भारत माता व सरस्वती माता के चित्र पर पहुंचकर एक पुष्प चढ़ाकर आए. क्योंकि हम हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब एक हैं.
इस पर मुस्लिम शिक्षक हसमुद्दीन ने कहा कि हम किसी के सामने बिल्कुल भी अपना मत्था नहीं टेक पाएंगे सिवाए ऊपर वाले के. काफी दबाव के बाद मुस्लिम शिक्षक हसमुद्दीन बाद में भारत माता और सरस्वती के आगे फूल चढ़ाते हैं. हसमुद्दीन अध्यापकों और ग्रामीणों के बीच की बातचीत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद मौके पर इगलास कोतवाली के इंस्पेक्टर विजय सिंह ने टीम के साथ पहुंचकर मामले में जांच की. उधर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी मामले में जांच की बात कही है.
Source : News Nation Bureau