उत्तर प्रदेश के नोएडा में धर्मांतरण को लेकर हुए खुलासे के बाद प्रदेश की सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निर्देश दिया गया है कि एजेंसियां इस मामले की तह में जाएं, जो भी इसमें शामिल हैं उनपर कड़ा एक्शन लिया जाए. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि दोषियों पर नेशनल सिक्युरिटी एक्ट (NSA) लगाया जाए, साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन लिया जाए. जो भी धर्मांतरण मामले में आरोपी हैं उनकी संपत्ति जब्त करने का भी निर्देश दिया गया है.
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि धर्मांतरण से जुड़े सभी संगठनों की विस्तृत जांच की जायेगी,पुलिस व जांच एजेंसिया लगातार जांच कर रही हैं. उन्होने बताया कि धर्मांतरण से जुड़े सभी मामले जांच का विषय है,जब तक कोई पुख्ता सबूत न मिल जाए तक तक कुछ नही कहा जा सकता. जब इस केस का पुख्ता प्रमाण मिल जाये तभी बताना उचित होगा. एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि धर्मान्तरित किये गये लोगों के परिवार वालों से हम लोग लगातार संपर्क में हैं और सूचनाओं का आदान प्रदान हो रहा है,बहुत जल्द हम एक एटीएस का नम्बर भी जारी करेंगे.
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक धर्मांतरण रैकेट का भांडाफोड़ हुआ है. नोएडा पुलिस को लंबे वक्त से इसकी शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद एटीएस की मदद से इस मामले में एक्शन लिया गया. यूपी एटीएस ने इस मामले में आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया. पुलिस सूत्रों को इस मामले में विदेशी फंडिंग और कई लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस के मुताबिक, ये लोग मूक-बाधिर बच्चों को धर्मांतरण का शिकार बनाते थे, साथ महिलाओं को भी लालच देकर धर्मांतरण करवाया जाता था.
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि ये एक संवेदनशील मामला है और एटीएस ने इसपर बहुत मेहनत की है. उन्होने बताया कि अब तक धर्मांतरण के मामले देश के 24 राज्यों में देखा गया है. उमर और जहाँगीर को रिमांड पर लेकर लगातार जाँच पड़ताल चल रही है,जांच पूरी होने पर जानकारी दी जायेगी. इसके पहले सोमवार को दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह की कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में तीन जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया था, पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए एटीएस के विवेचक के प्रार्थना पत्र पर अदालत सुनवाई करेगी.
Source : Avinash Prabhakar