इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री आजम खान व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने पालिका की मशीन हड़पने के आरोप गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार व विपक्षी से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने याचियों को विवेचना में सहयोग करने को भी कहा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने दिया है.
मालूम हो कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय रामपुर में शहर की सफाई के लिए नगर पालिका की खरीदी गई मशीन का सफाई के लिए पालिका अध्यक्ष की मिलीभगत से इस्तेमाल करने व हड़प लेने का याची पर आरोप लगाया गया है. गायब मशीन विश्वविद्यालय परिसर से बरामद भी की गई, जिस पर कोतवाली में 19 फरवरी 22 को एफआईआर दर्ज कराई गई है.
याची का कहना है कि प्राथमिकी के आरोपों से धारा 409 का केस नहीं बनता. घटना 2017की है. उस समय याची लोक सेवक नहीं था. केवल विश्वविद्यालय का कुलाधिपति था. प्राथमिकी भी नगर पालिका के किसी अधिकारी ने नहीं प्राइवेट व्यक्ति भाजपा नेता बनाकर खान ने दर्ज कराई है. प्राथमिकी राजनैतिक विद्वेष से दर्ज कराई गई है. दुर्भाग्यपूर्ण अभियोजन है, जिसे रद्द किया जाए. कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना।और अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.
Source : News Nation Bureau