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Hathras Stampede: मिल गए 'भोले बाबा', यूपी के इस आश्रम में हैं मौजूद!

Hathras Stampede: हाथरस सत्संग हादसे में अब तक 121 लोगों के मौत की खबर आई सामने, हर किसी को है भोले बाबा की तलाश.

Updated on: 03 Jul 2024, 08:58 AM

New Delhi:

Hathras Stampede: यूपी के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे के बाद लागतार इस मामले में अपडेट्स सामने आ रहे हैं. इस हादसे में अब तक 121 लोगों के मारे जाने की खबर है. जबकि 28 लोग जख्मी बताए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. बता दें कि नारायण सरकार हरि या भोले बाबा के सत्संग के दौरान अचानक भगदड़ मचने के बाद यह हादसा हुआ. मरने वाले श्रद्धालुओं में ज्यादातर महिलाएं बताई जा रही हैं. हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों की चीख पूरे देश में सुनाई दे रही हैं. इस हादसे को लेकर कई सवाल भी उठने लगे हैं. ये सवाल प्रशासन से लेकर भोले बाबा पर भी उठ रहे हैं. यही नहीं जिनके सत्संग में इतना बड़ा हादसा हुआ अब तक उस भोले बाबा की ओर से कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आई है. हर किसी जहन में यह सवाल है कि आखिर भोले बाबा हैं कहां. सत्संग करने वाले बाबा के ठिकाने को लेकर एक खबर सामने आई है. 

कहां हैं भोले बाबा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भोले बाबा की लोकेशन पता चल गई है. हादसे के बाद से ही हर किसी को इनका इंतजार है कि आखिर भोले बाबा हैं कहां. इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में ये खुलासा हुआ है कि भोले बाबा उत्तर प्रदेश में ही हैं. बताया जा रहा है कि वह मैनपुरी के एक आश्रम में ठहरे हुए हैं. 

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नारायण साकार विश्वहरी के नाम से पहचाने जाने वाले भोले बाबा मैनपुरी में स्थित रामकुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में ही मौजूद हैं. हालांकि अब तक उनके यहां रुके होने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन मंगलवार को हुए हादसे के बाद से ही भोले बाबा की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही है. इस मामले में भोले बाबा से भी पूछताछ होना है. 

हादसे के बाद प्रशासन सख्त
हादसे के बाद से ही इस मामले को लेकर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त नजर आ रहे हैं. उन्होंने मंत्रियों से लेकर डीजीपी तक हर किसी को घटना स्थल पर पहुंचा दिया है. बताया जा रहा है कि सत्संग खत्म होते ही लोग भोले बाबा के चरण छूने के लिए भागने लगे.

इसी बीच अचानक भगदड़ मच गई जो दर्दनाक हादसे में तब्दिल हो गई. इस हादसे को लेकर एक और बात सामने आई है इसमें कहा गया जा रहा है कि सत्संग स्थल पर गर्मी से निपटने के इंतजाम नहीं थे. 

सिर्फ 40 पुलिसकर्मियों के भरोसे हजारों की भीड़ को संभालने का जिम्मा था. उमस और गर्मी की वजह से लोग बैचेन हो रहे थे, ऐसे में गर्मी से बचने के लिए लोग निकलकर भागने लगे और इस बीच भगदड़ मच गई और कई लोग इस भगदड़ का शिकार हो गए.