उत्तर प्रदेश में नदियों का जल स्तर बढ़ने से वह अपना रौद्र रूप दिखा रही है. इस कारण कई जगह हालत बिगड़ रहे हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. घाघरा का जलस्तर बढ़ने से बहराइच जिले के महसी तहसील के गांवों में पानी घुस आया है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. नेपाल के पहाड़ों से लगातार बारिश का पानी आने से नदियों ने रौद्र रूप लेना शुरू कर दिया है. घाघरा नदी का रौद्र रूप दिखने लगा है. महसी तहसील के घाघरा नदी में तीन बैराजों का पानी पहुंच गया है. बैराजों से 2.83 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है. इससे घाघरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. नदी का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है. इसमें दरिया बुर्द, चमरही, रेवतीपुरवा गांव की हालत बुरी है. यह तीनों गांव सरयू व घाघरा नदी के बीच में बसा है. इन गांव के ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए तहसील प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं.
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ग्राम पंचायत में नदी ने कटान तेज कर दी
जलस्तर बढ़ने के साथ ही टिकुरी ग्राम पंचायत में नदी ने कटान तेज कर दी है. नदी की धारा ने छह ग्रामीणों के मकान को आगोश में ले लिया है. महसी में घाघरा नदी का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है. बढ़ रहे जलस्तर के साथ नदी ने कटान तेज कर दी है. तहसील क्षेत्र के टिकुरी ग्राम पंचायत के मजरा ठकुराईनपुरवा में नदी ने कटान से तबाही मचायी है. घाघरा नदी की कटान में गांव निवासी कमलाशंकर, शिवनरायन, तेज, सुंदर समेत छह ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित हो गए. वहीं इसी गांव में घाघरा की लहरों ने 25 से अधिक किसानों की कई सौ बीघा खेती योग्य जमीन नदी में समाहित कर ली. ग्रामीण राहुल ने बताया कि हमारे मकान के साथ खेत भी डूब गये हैं. अब कुछ बचा नहीं है. यह हर साल की लीला है. इससे क्या किया जाए.