शाहजहां ने मुमताज की याद में ताजमहल की तामीर को यमुना के किनारे को चुना. यमुना के दोनों किनारों पर उद्यानों के साथ हवेलियां और मकबरे बनाए गए. ब्रिटिश काल तक यमुना व्यापार का माध्यम रही. वहां रिवर टूरिज्म दशकों बाद भी एक ख्वाब बना हुआ है. रिवर टूरिज्म को पंख लगेंगे भी कैसे? यहां रिवरफ्रंट डवलपमेंट की कोई योजना ही नहीं है. पर्यटन विभाग ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) में यह जानकारी उपलब्ध कराई है. जिसके बाद आगरा पर्यटन उधमी हो या आगरावासी सभी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं .
आपको बता दें कि मुगल काल में यमुना के दोनों किनारों पर 44 हवेलियां, उद्यान व मकबरे बने हुए थे. इतिहासकार ईबा कोच ने अपनी पुस्तक द कंप्लीट ताजमहल एंड दि रिवरफ्रंट गार्डंस आफ आगरा में इनका विस्तृत ब्योरा दिया है. आगरा को यमुना किनारे बनी हवेलियों के लिए जाना जाता था. यहां यमुना किनारे कई जगह घाट बने हुए थे. हाथीघाट नदी के जरिए होने वाले व्यापार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था.
2017 में विश्व बैंक सहायतित प्रो-पुअर टूरिज्म डवलपमेंट प्रोजेक्ट में यमुना पार रामबाग से लेकर मेहताब बाग तक यमुना किनारा को सुधारने की योजना बनाई गई थी. पांच किमी के स्ट्रेच में प्राचीन मुगलकालीन उद्यानों को पुन: संरक्षित करने, विजिटर सेंटर व पार्किंग का निर्माण करने, नालों के गंदे पानी को यमुना में रोकने समेत कई काम किए जाने थे. वर्ष 2017 में इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रेजेंटेशन हुआ था. पर्यटन उद्यमियों को उम्मीद थी कि जल्द इस योजना को लेकर कार्य शुरू किया जाएगा ताकि आगरा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ...
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देखा जाए तो आगरा में नगरीकरण की बढ़ती रफ्तार के साथ यमुना की रौनक मिटती चली गई. इन दिनों तो नदी में पानी नजर आ रहा है, लेकिन आठ से नौ माह तक यमुना में पानी के नाम पर केवल सीवेज बहता रहता है. यहां पर्यटन कारोबारी लंबे समय से ताजमहल के पार्श्व में रिवरफ्रंट डवलपमेंट की मांग उठाते रहे हैं. रबर चेकडैम के निर्माण को नीरी द्वारा अनुमति प्रदान करने के बाद इस ख्वाब को पंख लगते हुए नजर आ रहे थे, लेकिन पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना ने सभी अरमानों पर पानी फेर दिया है.
आगरा नूरी दरवाजा निवासी डा. देवाशीष भट्टाचार्य ने पर्यटन निदेशालय, लखनऊ से आगरा में रिवरफ्रंट डवलपमेंट की योजना के बारे में आरटीआइ में जानकारी मांगी थी. संयुक्त निदेशक पर्यटक अविनाश चंद्र मिश्र ने उन्हें अवगत कराया है कि आगरा में यमुना रिवरफ्रंट डवलपमेंट निर्माण की कोई योजना लंबित या प्रस्तावित नहीं है. डा. देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि आगरा में रिवरफ्रंट डवलपमेंट किया जाए तो इससे पर्यटन में नए रंग भर सकते हैं. ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों के लिए नया आकर्षण विकसित होगा. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए. साबरमती व गोमती की तरह यहां भी रिवरफ्रंट डवलपमेंट किया जाए.
स्थानीय पर्यटन से जुड़े उधमी भी इस बात को कहते हैं कि अगर ये योजना धरातल पर आती तो आगरा की सूरत यमुना किनारे बेहद बदली हुई होती .. इससे पर्यटन तो बढ़ता ही रोजगार के साधन भी मिलते और यमुना साफ सुथरी रहती ...
HIGHLIGHTS
- सूचना के अधिकार के तहत हुआ चौकाने वाला खुलासा
- मुगल काल में यमुना के दोनों किनारों पर 44 हवेलियां
Source : Vinit Dubey