कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला सुनाया है, जिसके बाद से ही पूरे प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है. दरअसल, योगी सरकार ने गुरुवार को बड़ा फरमान सुनाते हुए मुजफ्फरनगर के लिए जारी किए गए नेमप्लेट के आदेश को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है. जिसके बाद से ही योगी सरकार के इस फैसले पर सियासी बयानबाजी शुरू हो चुकी है. खुद बीजेपी के सहयोगी दल आरएलडी ने भी सीएम योगी के इस फैसले पर सवाल उठाया है. आरएलडी ने यूपी सरकार से कांवर यात्रा पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. आरएलडी नेता और प्रवक्ता अनिल दुबे ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इसकी समीक्षा की जरूरत है. हम दुकान को धर्म के आधार पर नहीं बांट सकते हैं. वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी इस फैसले को लेकर कहा कि धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि सीएम योगी ने आदेश दिया है कि कांवड़ मार्ग पर सभी दुकानों के बाहर मालिक का नाम दुकान के बाहर प्रदर्शित करना होगा. सरकार ने इस फैसले के साथ ही यह दावा किया है कि यह फैसला कांवर यात्रा की पवित्रता बनाए रखने के लिए है. सरकार के इस फैसले को सहयोगी दलों के साथ ही विपक्ष पर गलत बता रही है.
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कांग्रेस ने आदेश को बताया अव्यवहारिक
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी इस फैसले को अव्यवहारिक बताते हुए इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने इसे तत्काल वापस लेने का आग्रह किया. जेडीयू के केसी त्यागी ने दोहराया कि धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.
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HIGHLIGHTS
- योगी सरकार के नेमप्लेट के फैसले पर RLD ने उठाए सवाल
- कहा- फैसले की समीक्षा की है जरूरत
- विपक्ष ने भी फैसले को ठहराया गलत
Source : News Nation Bureau