राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तिरंगा झंडा नहीं फहराने का आरोप लगाकर कांग्रेस ने जहां आरएसएस और बीजेपी को घेरने का काम शुरू किया है. वहीं अब तिरंगा यात्रा को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. लेकिन इन सबके बीच गोरखपुर में आरएसएस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी आज़ादी के अमृत महोत्सव में 10,000 तिरंगा गोरखपुर के घरों में बांटने की तैयारी में जुटे हुए हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा प्रकल्प, सेवा भारती की महिला सदस्य पिछले 1 सप्ताह से हर रोज 15 से 17 घण्टे तिरंगा सिलने का काम कर रही हैं. गोरखपुर के दाउदपुर इलाके में सेवा भारती के कार्यालय पर 30 से अधिक सेवा भारती के मातृ मंडल की महिलाएं और युवतियां दिन रात राष्ट्रध्वज तिरंगा सिलने के अभियान में जुटी हुई हैं.
यह भी पढ़ें : सिर्फ 10 रुपए का निवेश बना देगा लखपति, एकमुश्त मिलेंगे 16 लाख रुपए
तिरंगे के लिए कपड़ा और दूसरे सामान आरएसएस के कार्यकर्ता इनको मुहैया करा रहे हैं और तिरंगा सिलने के साथ-साथ उसे लोगों के घरों में मुफ्त में वितरित करने का काम भी सेवा भारती और आरएसएस के महिला और पुरूष कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जा रहा है. सेवा भारती के प्रांत अध्यक्ष अतुल सर्राफ का कहना है कि 9 तारीख से पहले गोरखपुर के 10,000 घरों में यह राष्ट्रीय ध्वज वह पहुंचा देंगे. इनकी कोशिश है कि लक्ष्य प्राप्त करने के बाद तिरंगा सिलने के लिए सामान और कपड़े और अधिक मिले तो यह 10,000 से अधिक भी तिरंगा सिल कर आजादी के अमृत महोत्सव में अपना योगदान देंगे. ऐसा नहीं है कि इसमें किसी एक व्यक्ति के द्वारा ही पैसे खर्च किए जा रहे हो, सेवा भारती के सभी सदस्य और पदाधिकारी इस अभियान में अपना अंशदान देकर इसे सफल बनाने में जुटे हुए हैं.
यहां पर तिरंगा सिलने के अभियान में जुटी महिलाएं अलग-अलग शिफ्ट में काम करती हैं और हर महिला 4 से 5 घंटे काम करके 30 से 40 तिरंगा तैयार कर लेती है. हर रोज यहां पर 1000 से अधिक तिरंगा तैयार किया जा रहा है. तिरंगा सिलने का काम सेवा भारती के मातृ मंडल से जुड़ी महिलाएं और युवतियां कर रही हैं जो बिना किसी पारिश्रमिक लिए देश के आजादी के इस महोत्सव में तिरंगा सील कर ही अपना योगदान दे रही हैं. इस अभियान को संचालित करने वाली सेवा भारती की मातृ मंडल की प्रांत अध्यक्ष सुधा मोदी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिस तरह हर घर तिरंगा फहराने का अभियान शुरू किया गया है. उसमें सेवा भारती अपना एक छोटा योगदान देने की कोशिश कर रहा है और उनके द्वारा सिले गए तिरंगे को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता घर-घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं.