उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) अपने मास्टर स्ट्रोक 'एजेंडा हिंदुत्व' को एक बार फिर धार देने में जुट गया है. इसे आगे बढ़ाने के लिए श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज ने 15 दिसंबर को भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ का आयोजन कर रहे हैं. इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत को मुख्य अतिथि के रूप में आमांत्रित किया गया है. इस मौके पर प्रमुख वक्ता के रूप में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे. महाकुंभ में हिंदू एकता को धार मिलेगी, जो आगामी विधानसभा चुनाव का मुख्य आधार साबित होगा.
अयोध्या में श्रीराममंदिर का निर्माण पिछले एक साल से प्रदेश की सियासत को गरमाए हुए है. लगभग सभी दल के लोग वहां माथा टेक रहे हैं. कार्यक्रम के संयोजक जगदगुरू रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास महाराज ने बताया कि हिंदुओं की अस्मिता के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने और उनकी एकजुटता के लिए यह हिंदू एकता महाकुंभ का आयोजन 15 दिसंबर को किया जा रहा है. जिसमें देश भर के संतो और सांस्कृतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले धुरंधरों को बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि इस मौके पर राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक श्रीराम मंदिर, हिंदूओं के मठ मंदिरों पर शासकीय नियंत्रण के दुष्परिणाम एवं समाधान,धर्मांतरण- एक अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र ,जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता, राष्ट्रवाद एवं समान नागरिक संहिता,लव जिहाद-युवा पीढ़ी का भटकाव एवं समाधान जैसे मुददों पर मंथन किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि हिंदुओं को एका करने के उददेश्य से आयोजित हो रहे इस महाकुंभ संघ प्रमुख मोहन भागवत, नाथ सम्प्रदाय के प्रतिनिधि के रूप में सम्मिलित होने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अन्तर्राष्ट्रीय संत श्रीश्री रवि शंकर, चिदानंद मुनि, रामानुजाचार्य, कैलाशानंद गिरी जी महाराज, योग गुरू रामदेव, विजय कौषल, वसुदेवानंद सरस्वती, स्वामी ज्ञानानंद, साध्वी ऋतंभरा जी समेत 150 से ज्यादा संतों को आमांत्रित किया गया है. इसके अलावा कला संस्कृति जगत से प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा, फिल्मी दुनिया से जुड़े मनोज मुंतशिर, कवि कुमार विश्वास, सुनील जोगी जैसी बड़ी हस्तियां इसमें शिरकत करेंगी.
श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि अगामी 15 दिसंबर को चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ करने जा रहे है. उनके मुताबिक, हिंदू विभिन्न वर्गों में बंट रहा है, उसका अस्तित्व खतरे में हैं. मंदिरों का अधिग्रहण हो रहा है. हमारी अस्मिता खतरे में है. इन सब विषम परिस्थितयों को देखते हुए यह आयोजन किया जा रहा है. इसमें विभिन्न संप्रदाय के हिंदू भाई-बहन एकजुट होंगे. उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर को बहुत बड़ा आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश भर के तमाम संतों और कला संस्कृति को आगे बढ़ाने वाली हस्तियों को बुलाया गया है.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो यूपी समेत देश के कई राज्यों की सत्ता में काबिज भाजपा यूपी में विधानसभा चुनाव में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी कॉरिडोर, जम्मू -कश्मीर से धारा 370, तीन तलाक आदि बड़ी उपलब्धियों को भुनाने के प्रयास में भी लगी है. हिंदू एकता महाकुंभ जरिए इन बड़े मुद्दो की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बनाकर भाजपा अपनी चुनावी जमीन को और मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है. भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से चित्रकूट को भी प्रमुख माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चित्रकूट के घने जंगलों में वनवास के दौरान ठहरे थे. इसी कारण हिन्दुओ में राम जन्मभूमि अयोध्या की तरह ही तपोभूमि के प्रति भी अटूट श्रद्धा और आस्था है.
HIGHLIGHTS
- चित्रकूट में 15 दिंसबर को हिंदू एकता महाकुंभ
- 150 से ज्यादा संतों को आमांत्रित किया गया