सावन में आप भी चढ़ाना चाहते हैं भोलेनाथ को जल, तो ऐसे पहुंचें बाबा धाम

सावन के इस महीने में बाबा धाम जाने वाले यात्रियों के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने एक स्पेशल ट्रेन चलाई है जो हर रोज गोरखपुर से जसीडीह पहुंचती है.

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Yogendra Mishra
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सावन में आप भी चढ़ाना चाहते हैं भोलेनाथ को जल, तो ऐसे पहुंचें बाबा धाम

प्रतीकात्मक फोटो।

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सावन के इस महीने में बाबा धाम जाने वाले यात्रियों के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने एक स्पेशल ट्रेन चलाई है जो हर रोज गोरखपुर से जसीडीह पहुंचती है. 14 अगस्त तक चलने वाली यह ट्रेन गोरखपुर से देवरिया, छपरा, बेगूसराय होते हुए बाबा के दरबार के लिए जाती है. हर रोज इस ट्रेन से यात्रा करने के लिए गोरखपुर-बस्ती मंडल के अलावा नेपाल से हजारों श्रद्धालु रेलवे स्टेशन पर पहुंच रहे हैं.

कांवरियों का जत्था बोल बम के नारों के साथ जब स्टेशन पर पहुंच रहा है तो पूरा माहौल शिवमय हो जा रहा है. नेपाल से अशोक और उनकी पत्नी पद्मिनी पिछले कई सालों से हर साल सावन में केसरिया कपड़ों में बाबा के रंग में रंगकर गोरखपुर पहुचते हैं.

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यहाँ से जसीडीह तक मेला स्पेशल ट्रेन से यात्रा करते हैं. बाबाधाम में इनकी कई मनोकामनाएं भगवान शिव ने पूरी की हैं और इस साल यह अपनी बेटी की मनोकामना पूरी होने के बाद कांवर लेकर बाबाधाम की यात्रा पर निकल पड़े हैं.

हालांकि इस स्पेशल ट्रेन में रेलवे ने कांवरियों को सारी सुविधाएं देने की कोशिश तो की है लेकिन लोगों की भीड़ इतनी ज्यादा यहां पर आ रही है कि सारी व्यवस्थाएं कम रह जा रही हैं. इस ट्रेन से यात्रा करने वाले शिवभक्तों की अलग अलग कहानियां बाबा से जुड़ी हैं और भगवान शिव की आस्था इनको हर साल बाबा के दरबार तक खींच लेती है.

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कई ऐसे लोग हैं जो मुंबई या दूसरे शहरों से सावन में अपने घर आते हैं और फिर यहाँ से अपने परिवार वालों के साथ बाबा के धाम देवघर के लिए इस ट्रेन से रवाना होते हैं. किसी को शिवकृपा से शिक्षा मिली है तो कोई अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए भगवान के सामने खुद को अर्पित करता है.

हर रोज गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों आस्था की कहानियों को लिए शिवभक्त पहुंच रहे हैं और यहाँ से पूरे सावन चलने वाली मेला स्पेशल ट्रेन में एक दूसरे से साझा कर रहे हैं. यात्रियों की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो इसके लिए रेलवे पुलिस भी लगातार गस्त कर रही है और इस ट्रेन के साथ सुरक्षा दस्ता भी चल रहा है.

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यात्रियों को ट्रेन के रुकने और चलने के साथ-साथ किसी भी समस्या में किससे मिलें, इसके बारे में जानकारी भी दी जा रही है. हालाँकि रेलवे जितने यात्रियों के लिए इस बार व्यवस्था कर रहा है, यात्री उससे कहीं ज्यादा हैं. यही कारण है की लोग लगेज वैन और लगेज बर्थ के साथ बोगी में नीचे बैठकर यात्रा करते हैं.

हर साल की तरह इस साल भी गोरखपुर से रात में 8 बजे यह मेला स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है जो अगले दिन 14.30 बजे देवघर पहुंच रही है. गोरखपुर-देवघर (05010) श्रावणी मेला स्पेशल 14 अगस्त तक चलेगी. इस ट्रेन में केवल साधारण दूसरी श्रेणी की कोच लगी है जो वाया बांका, मुंगेर और बरौनी स्टेशन से होकर चलते हुए रास्ते में 25 स्टेशनों पर रुकेगी.

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इसके अलावा (5009) बाबा धाम स्पेशल देवघर से शाम 04.40 बजे रवाना होगी. यह ट्रेन भागलपुर, सुल्तानगंज, मुंगेर, बेगूसराय, बरौनी, हाजीपुर, सोनपुर, सिवान, मैरवा, भटनी, देवरिया और चौरीचौरा के रास्ते 11.20 बजे गोरखपुर पहुंचेगी. इसके आलावा दादर, बांद्रा, पनवेल और पूर्वांचल एक्सप्रेस में अतिरिक्त कोच भी लगाये जा रहे हैं.

हर एक के पास भगवान शिव की कृपा की अलग अलग कहानियां हैं. ट्रेन में बहुत सुविधाएँ मिलें या ना मिलें, इनको इसका भी ग़म नहीं. यह सभी तो यह चाहते हैं की जल्द से जल्द भोलेनाथ के दरबार में पहुच जाएँ और अपनी कांवर में लाये आस्था के जल को उनपर अर्पित कर सकें.

Source : Yogendra Mishra

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