दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश के होमगार्ड्स के लिए बुरी खबर आई है. यूपी सरकार ने प्रदेश के होमगार्डों को उनके मूल विभाग में लौटाने का फैसला किया है. इस फैसले से होमगार्डों के चेहरे पर मायूसी छा गई है. प्रदेश में होमगार्डों को उनके दैनिक ड्यूटी के हिसाब से वेतन दिया जाता है. कई विभागों को कार्यरत कर्मचारियों को होमगार्ड की तैनाती दी गई थी. अब सरकार ने होम गार्डों को उनके मूल विभाग में लौटाने का फैसला किया है. इस फैसले का असर प्रदेश के 25 हजार होमगार्डों पर पड़ेगा. दिवाली से पहले आई इस खबर ने होमगार्डों के सामने परेशानी खड़ी कर दी है. उनका कहना है कि पहले ही उन्हें रोज ड्यूटी नहीं मिलती थी. ड्यूटी लगाने के नाम पर भी पैसे देने पड़ते थे. किसी तरह वह अपना गुजारा चला रहे थे लेकिन सरकार के इस फैसले ने उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा कर दिया है. होमगार्ड इस फैसले के लिए होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान को जिम्मेदार मान रहे हैं. उनका कहना है कि मंत्री उनके हितों की रक्षा करने में विफल रहे.
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होमगार्ड मंत्री ने बुलाई आपात बैठक
25 हजार होमगार्ड्स को गृह विभाग द्वारा ड्यूटी से मुक्त किए जाने के फैसले के बाद, पूरे हालात पर विमर्श करने के लिए होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान और प्रमुख सचिव होमगार्ड और विभाग के दूसरे आलाधिकारियों के साथ आपात बैठक कर रहे हैं. बैठक में आगे के हालात और होमगार्ड के हितों की रक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया जाएगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो