Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है. इसे लेकर रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरीक्षण के लिए प्रयागराज पहुंचे, जहां उन्होंने सबसे पहले हनुमान मंदिर में माथा टेका और फिर संगम तट पर जाकर पूजा अर्चना की. सीएम योगी ने महाकुंभ की वेबसाइट और लॉगो भी लॉन्च कर चुके हैं. साथ ही बोट पर सवार होकर महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया. इस बीच महाकुंभ को लेकर धर्मयुद्ध छिड़ चुका है.
महाकुंभ मेले में नहीं होगी मुसलमानों की एंट्री
दरअसल, प्रयागराज के 8 अखाड़ों के साधु संतों ने बैठक कर यह ऐलान किया है कि इस बार महाकुंभ में बिना आधार कार्ड दिखाए किसी को एंट्री नहीं जाएगी. साधु संतों का कहना है कि कुछ लोग अपनी पहचान छिपाकर कुंभ के मेले में आते हैं. इससे बचने के लिए सभी को अपना आधार कार्ड दिखाना पड़ेगा.
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साधु-संतों ने बैठक कर उठाई मांग
साथ ही यह भी मांग की जा रही है कि महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश दिया जाए. जो भी महाकुंभ मेले में आएंगे, उन्हें बिना आईडी प्रूफ के एंट्री नहीं देना चाहिए. हमारे सामने ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां लोग अपनी पहचा छिपाकर गरबा में दाखिल करते हैं. इन सबसे बचने के लिए आईडी प्रूफ अनिवार्य होना चाहिए ताकि महाकुंभ की पवित्रता बनी रहे.
बिना आधार कार्ड के नहीं मिलेगी महाकुंभ में एंट्री
योगी सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ की वेबसाइट पर मोबाइल एप लॉन्च करने जा रही है. इसके जरिए महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को यहां तक पहुंचने और कई तरह की जानकारी हासिल करने में आसानी होगी. वहीं, साधु-संतों की इस बात का मुस्लिम धर्म गुरू विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि धर्म के आधार पर भेदभाव करना गलता है और यही हमारे देश की खूबसूरती है. इस मामले पर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि यह देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ साधु-संत चाहते हैं कि महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही एंट्री दी जाए.