फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों के धर्मनिरपेक्षता और इस्लाम संबंधी बयान को लेकर इस्लामी चरमपंथियों ने विरोध में बॉयकॉट फ्रांस का कैंपेन तेज कर दिया है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद ने केंद्र सरकार से फ्रांस की निंदा करने और ईशनिंदा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून लाने की अपील की है. वहीं, देवबंद ने यह बयान तब दिया है, जब फ्रांस और मुस्लिम देशों के बढ़ते तनाव के बीच भारत ने फ्रांस का समर्थन किया है. दारुल उलूम के वाइस चांसलर अब्दुल कासिम नोमानी ने कहा, इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) के सभी प्रमुखों के साथ ही अन्य इस्लामिक देशों की यह जिम्मेदारी है कि अंतरराष्ट्रीय फोरम पर फ्रांस की सरकार के खिलाफ रणनीति तैयार करें.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के नीस शहर में हुए आतंकी हमले समेत हालिया हमलों की निंदा की है. वहीं विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में जारी एक बयान में फांस में हुए बर्बर आतंकवादी हमले की भी निंदा की जिसमें ईशनिंदा के नाम पर एक शिक्षक सैम्यूल पैटी का सर कलम कर दिया गया था. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद को किसी भी वजह से और किसी भी परिस्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता. बयान में कहा गया कि, ‘हम बर्बर आतंकवादी हमले में फ्रांस के एक शिक्षक की निर्ममता से हत्या किए जाने की भी निंदा करते हैं, जिसने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया.
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दरअसल, पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के बाद शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. फ्रांस ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह कार्टून बनाने से पीछे नहीं हटेगा, जिसके बाद से मुस्लिम देशों में आक्रोश है. कुछ दिन पहले, एक टीचर की गला रेतकर हत्या के बाद फ्रांस इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है. इसके खिलाफ मुस्लिम देशों में फ्रांस के प्रति नाराजगी का माहौल है. बता दें कि फ्रांस के नीस शहर में गुरुवार को एक चर्च में हुए आतंकी हमले में महिला समेत 3 लोगों की मौत हो गई. हमलावर ने चाकू से एक महिला का सिर धड़ से अलग कर दिया और 2 अन्य लोगों की भी बर्बरता से हत्या कर दी.
Source : News Nation Bureau