उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राजनीति गर्माहट अभी से बढ़ने लगी है. 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जहां कुछ छोटी दल दूसरे दलों के साथ गठजोड़ बनाने में लगे हैं तो बड़े राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति तय करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी भी अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ चुनाव नजदीक आने पर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में लगी हैं. इसके लिए सपा ने उत्तर प्रदेश में पोल खोल अभियान शुरू किया है.
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समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गड्ढे वाली सड़कों की पोल खोलने का अभियान शुरू किया है. राजधानी लखनऊ की जर्जर सड़कों की तस्वीरें जारी कर सरकार के गड्ढामुक्त सड़कों के दावे पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने बताया कि सिर्फ राजधानी लखनऊ में ही एक हजार से ज्यादा स्पॉट्स हैं, जहां गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढा है, इसका फर्क करना मुश्किल है.
उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को 15 मिनट की खुली बहस की भी चुनौती दी. आईपी सिंह ने कहा, 'सिर्फ लखनऊ में 1000 से ज्यादा स्पॉट्स हैं जहां रोड के बीच सड़कें खोजनी पड़ जाएं. मैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को खुली चुनौती देता हूं कि अगर उनके दावे में जरा सी भी सच्चाई है तो मेरे साथ 15 मिनट की डिबेट की चुनौती स्वीकार करें. अगर नहीं कर सकते तो जनता से माफी मांगें.'
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सपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को लखनऊ के दिलकश मार्ग, हाईकोर्ट से कुछ ही दूरी पर स्थित इंदिरानगर सेक्टर-8, पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र की कई जर्जर सड़कों की तस्वीरें सार्वजनिक करते हुए प्रदेश सरकार पर मरम्मत और निर्माण में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता अब पूरे प्रदेश में इसी तरह से हर रोज सड़कों की पोल खोलने का अभियान चलाएंगे. उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी लगातार सूबे की योगी सरकार के खिलाफ मुखर हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
Source : News Nation Bureau