समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को कहा कि शिवपाल सिंह यादव अगर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपालो) का सपा के साथ विलय करने को राजी हो जाएं, तब विधानसभा सदस्य के रूप में उन्हें अयोग्य करार दिए जाने की मांग वाली अर्जी वापस लिए जाने पर विचार करेगी.
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बता दें कि वरिष्ठ सपा नेता और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने 13 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष को शिवपाल के खिलाफ अर्जी दी थी. शिवपाल सदन में सपा के विधायक हैं, फिर भी अपनी अलग पार्टी चला रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'यदि शिवपाल अपनी पार्टी को भंग कर सपा के साथ उसका विलय कर दें तो सपा उनके खिलाफ दायर अर्जी वापस ले लेगी.'
सपा ने पहली बार शिवपाल को विलय का प्रस्ताव दिया है. राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पार्टी ने शिवपाल को प्रस्ताव देने में काफी धर्य दिखाया है. उन्होंने कहा कि वह 2017 में सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुने गए थे, लेकिन उन्होंने एक नई पार्टी बना ली और 2019 का लोकसभा चुनाव सपा उम्मीदवार के खिलाफ लड़े.
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गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि जो कोई पार्टी में आना चाहे, उसके लिए दरवाजा खुला है. राम गोविंद चौधरी के बयान पर जब शिवपाल से टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि परिवार में एकता की पूरी गुंजाइश है, लेकिन कुछ लोग साजिश रचते हैं और वे नहीं चाहते कि परिवार और पार्टी में एकता रहे.
Source : आईएएनएस