अयोध्या में बारिश का दौर देखने को मिल रहा है. शनिवार को यहां पर दोपहर के वक्त झमाझम बारिश हुई. रात भर मूसलाधार बारिश के कारण सरयू नदी उफान पर है. शहर में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में अगर अयोध्या में बाढ़ आती है तो राम मंदिर भी इसकी जद में आ सकता है. बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने को लेकर राम मंदिर का विशेष तरीके से निर्माण कराया गया है. हालांकि अभी अयोध्या में बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं. मगर आपको बता दें कि अयोध्या में पहले भी बाढ़ आ चुकी है. यहां पर 1998 में भयंकर बाढ़ आई. उस समय फैजाबाद जनपद कहलाता था. उस समय ऐसा बताया जाता है कि सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर 30 सेंटीमीटर हो चुकी थी. उस दौरान जनता में हाहाकार था.
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राम मंदिर की बात की जाए तो ये सरयू नदी से करीब 72 फीट की ऊंचाई पर है. अगर जलस्तर बढ़ता और बाढ़ का पानी राम मंदिर तक पहुंच जाता है तो सबसे पहले गोंडा जनपद डूबेगा. वहीं अयोध्या जनपद पर भी खतरा मंडराने लगेगा.
राममंदिर का क्षेत्र बाढ़ से सुरक्षित
हालांकि राम मंदिर सुरक्षित बताया जा रहा है. ये सरयू से करीब 72 फीट ऊंचा है. ऐसे में राममंदिर का क्षेत्र बाढ़ से सुरक्षित है. आपको बता दें कि एक हजार करोड़ की लागत से राम मंदिर को तैयार किया गया. इसे खास तरह से तैयार किया गया है ताकि यह प्राकृतिक आपदाओं से समय रहते सुरक्षित रहे. मंदिर में सरयू नदी की बाढ़ से सुरक्षित करने को लेकर चारों ओर रिटेनिंग वॉल का निर्माण हुआ है.
राम मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से बचने को लेकर रिटेनिंग वॉल एक सुरक्षा कवच के रूप में तैयार की गई है. इससे बाढ़, भूकंप के वक्त नुकसान नहीं होगा. ये दीवार को हर दिशाओं में बनाई गई है. इस दीवार को 12 मीटर जमीन के अंदर गहराई में तैयार किया गया है. इसमें ग्रेनाइट के पत्थर लगाए गए थे. ग्रेनाइट के पत्थरों में पानी के रिसाव को सोखने की क्षमता अधिक होती है.
Source : News Nation Bureau