वाराणसी में गंगा का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है. आलम यह है कि पानी बढ़ जाने के कारण गंगा आरती अब छत पर हो रही है पर इसके साथ ही लोगों की लापरवाही भी एक बड़े हादसे को निमंत्रण देते नजर आ रही है. गंगा आरती छत पर होने के साथ-साथ गंगा आरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु खतरा मोल कर वहां पहुंच रहे हैं, जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रह रही है. ऐसे में पुलिस प्रशासन ने निर्णय लिया है कि गंगा आरती अब सांकेतिक रूप से होगी और अगर ऐसा गंगा आरती के आयोजक नहीं करते हैं तो जवाब दे ही भी उनके ऊपर तय होगी. ऐसे में उन्हें पुलिस ने नोटिस तक भेज दिया है. शायद ऐसा पहली बार होगा जब पानी बढ़ने के कारण गंगा आरती को सांकेतिक रूप में किया जाएगा.
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काशी में गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही है. ऐसे में गंगा आरती छत पर हो रही है पर इसे देखने के लिए जो भीड़ इकट्ठा हो रही है वह खतरे की ओर संकेत करती है, क्योंकि यह भीड़ गंगा के किनारे नाव पर खड़ी हो रही है और ऐसे में पानी जब बढ़ा हुआ है तब कोई भी हादसा हो सकता है. इस पर पुलिस प्रशासन ने गंगा आरती के आयोजकों को आग्रह किया है कि वह सांकेतिक गंगा आरती करें पर जब गंगा आरती के आयोजक इस बात को नहीं मान रहे हैं तब पुलिस ने उन्हें नोटिस पर दे दी है.
इस नोटिस में साफ कर दिया गया है कि अगर ऐसे में कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी गंगा आरती के आयोजकों की होगी. इसकी जानकारी एसीपी दसशमेश अवधेश पांडेय ने दी है. इसके बाद माना जा रहा है कि अब गंगा आरती सांकेतिक रूप से की जाएगी. दूसरी तरफ लोग भी मानते हैं कि जिस तरीके से काशी में भीड़ हो रही है ऐसे में गंगा आरती के समय भीड़ जिस तरह से गंगा के पास इकट्ठा हो रही है, उससे हादसा हो सकता है, इसलिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन जो तय करती है उसी अनुरूप काम होना चाहिए.
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दरअसल, सावन के महीने में बाबा भोले को जल चढ़ाने के लिए लाखों की संख्या में भक्त काशी आते हैं और वह गंगा आरती में भी शामिल होते हैं पर वाराणसी में जिस तरह से बाढ़ की हालत दिखाई दे रही है. ऐसे में अगर हजारों लोग गंगा घाट पर इकठ्ठा होते हैं उनकी जान को खतरा हो सकता है इसलिए पुलिस प्रशासन ने गंगा आरती को सांकेतिक करने का आग्रह किया है.