Prayagraj News: भगवान शिव की आराधना के महीने सावन के दूसरे सोमवार को संगम नगरी प्रयागराज के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. भोले भंडारी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कोई मंदिरों में जलाभिषेक कर रहा है तो कोई दूध और बेलपत्र से पूजा-अर्चना में लीन है. सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज के शिव मंदिरों में उमड़ने लगी. कई कांवड़िये भी शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद संगम का पवित्र जल लेकर ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर निकल पड़े हैं.
प्रमुख शिवालयों में भक्तों का तांता
आपको बता दें कि दूसरे सोमवार को प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, तक्षक तीर्थ मंदिर और पड़िला महादेव समेत सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लग गईं. इस अवसर पर कई शिव मंदिरों में भजन और आरती के विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए. यमुना तट पर स्थित प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में सुबह भोलेनाथ की विशेष आरती हुई, जिसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे. इस दौरान पूरा वातावरण शिवमय हो गया.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
वहीं शिव मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मंदिरों की निगरानी सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के माध्यम से की जा रही है. भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिससे भक्त बिना किसी परेशानी के पूजा-अर्चना कर सकें.
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श्रद्धालुओं का आकर्षण
सावन के दूसरे सोमवार पर प्रयागराज में तांगा दौड़ का आयोजन होता है, जिसे देखने के लिए देश के विभिन्न कोनों से श्रद्धालु आते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, संगम नगरी प्रयागराज में सावन का विशेष महत्व है. इस दिन यहां कई जगहों पर कजरी गायन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. तांगा दौड़ का आयोजन विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होता है, जहां वे पारंपरिक खेल और संगीत का आनंद लेते हैं.
सावन सोमवार का महत्व
आपको बता दें कि मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन अत्यधिक प्रिय है. इस दिन शिव की भक्ति और जलाभिषेक करने से उनकी कृपा अपार मात्रा में मिलती है. सावन के महीने में विशेष रूप से सोमवार को शिव भक्त मंदिरों में आकर शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हैं. भक्तों का मानना है कि इस दिन की गई पूजा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम और कजरी गायन
सावन के इस पवित्र महीने में प्रयागराज में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी विशेष महत्व रखता है. कजरी गायन की परंपरा यहां के सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है. इन कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गीत-संगीत श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं.