सुप्रीम कोर्ट ने इस साल फरवरी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की गाड़ी पर गोली चलाने के आरोपी लोगों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को शुक्रवार को रद्द कर दिया.
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आरोपियों को जमानत देते समय कोई कारण नहीं बताया और सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय से मामले पर नए सिरे से विचार करने को कहा और साथ ही दो आरोपियों सचिन शर्मा और शुभम गुर्जर की जमानत याचिकाओं पर उनके आत्मसमर्पण की तारीख से चार सप्ताह के भीतर फैसला करने का निर्देश दिया.
ओवैसी ने दोनों आरोपियों को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था. याचिका में कहा गया है कि यह पूर्वाग्रह और नफरत से संबंधित अपराधों की अनुपातहीन मात्रा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसके कारण हत्या के प्रयास की घटना हुई.
इस घटना में कथित संलिप्तता के आरोप में तीन लोगों- शर्मा, गुर्जर और आलिम को गिरफ्तार किया गया था. ओवैसी की कार पर हापुड़ में हमला किया गया था, जब वह राज्य में विधानसभा चुनाव शुरू होने से एक हफ्ते पहले 3 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव संबंधी कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद दिल्ली लौट रहे थे.
Source : IANS