यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) को 2 महीने की अंतरिम ज़मानत दिए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने ने स्वास्थ्य आधार पर गायत्री प्रजापति को ज़मानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है. गायत्री प्रजापति गैंगरेप के मामले में ट्रायल का सामना कर रहे हैं.
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4 सितंबर को पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ शुक्रवार को ही एक और FIR दर्ज की गई थी. यह एफआईआर रेप का आरोप लगाने वाली महिला के पूर्व वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने करवाई थी. एफआईआर में पीड़ित महिला को भी आरोपी बनाया गया है. दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि केस को खत्म करने के लिए दुष्कर्म पीड़िता और आरोपी के बीच करोड़ों का लेनदेन हुआ.
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दूसरी तरफ खनन घोटाले में भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. उनके पूर्व मैनेजर ब्रज भवन चौबे ने ईडी के सामने सरकारी गवाह बनने की पेशकश की है. ब्रज भवन चौबे ने पिछले दिनों लखनऊ के गोमती नगर विस्तार थाने में गायत्री प्रजापति, उनके बेटे अनिल प्रजापति और गायत्री पर पूर्व में लगाए गए अपने आरोपों से मुकरने वाली महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. ब्रज भवन के अनुसार वह गायत्री प्रजापति की कंपनी में निदेशक थे.
Source : News Nation Bureau