वाराणसी में आईआईटी बीएचयू के शोधकर्ताओं ने सौर ऊर्जा उत्पादन को लेकर नई तकनीक निकाली है. यह सोलर चिमनी पॉवर प्लांट से कम लागत में ज्यादा बिजली उत्पन्न करेगा. इस अनुसंधान को भारत सरकार की ओर से पेटेंट मिलेगा. सबसे खास बात ये है कि ये प्लांट कम लागत में अभी के सोलर प्लांट से 27 गुना ज्यादा बिजली पैदा करने वाला है.
अब पुरे विश्व में ऊर्जा के नए श्रोत को लेकर खोज हो रही हैं. ऐसे में आईआईटी बीएचयू ने एक ऐसे सोलर प्लांट को तैयार किया है. इसकी मदद से गांव के गांव रोशन हो सकते हैं. दरअसल आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों ने एक नई और अत्याधुनिक तकनीक तैयार की है. इससे कम लागत में सोलर एनर्जी प्लांट से ज्यादा बिजली पैदा हो सकती है.
भारत सरकार से पेटेंट मिल चुका है
इस तकनीक का सबसे अधिक लाभ गांवों में रहने वाले लोगों मिलेगा. यहां पर बिजली पहुंच काफी सीमित होगी. सरकार ने इस नई तकनीक को मंजूरी दी है. इसे भारत सरकार से पेटेंट मिल चुका है. इससे बनने वाले आईआईटी बीएचयू के यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग के वैज्ञानिक ने बताया कि इस सोलर चिमनी पॉवर प्लांट में इनलेट आकार और संकुचित कलेक्टर का प्रयोग किया गया है. ये हवा के प्रवाह को तेज करते हैं.
बिजली का उत्पादन भी ज्यादा होगा
इससे टरबाइन की गति में तेजी आएगी. बिजली का उत्पादन भी ज्यादा होगा. सोलर चिमनी पॉवर प्लांट सूर्य की गर्मी से बिजली उत्पादन का एक सस्ता और प्रभावी विकल्प के तौर पर होगा. यह पुरानी तकनीक की तुलना में ज्यादा किफायती है. इस प्लांट का इनलेट और कलेक्टर वायु की गति को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं. इससे बिजली उत्पादन ज्यादा हो जाती है.
तकनीक को लागू करने में निवेश की आवश्यकता होगी
प्लांट को स्थापित करने को लेकर आम सोलर प्लांट की तरह भूमि की जरूरत होती है. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में यह तकनीक अत्यधिक प्रभावी हो सकती है. शुरूआत में इस तकनीक को लागू करने में निवेश की आवश्यकता होगी. मगर भविष्य में यह ज्यादा बिजली उत्पादन के संग बेहतर परिणाम देगा. इसका पेटेंट हो गया है. यह जल्द ही ये बाजार में मौजूद होगा.