महेंद्र नाथ पांडेय (Mahendra Nath Pandey) को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में जगह मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए चर्चा तेज हो गई हैं. महेंद्र नाथ पांडेय की अगुवाई में उत्तर प्रदेश की 64 सीटों पर बीजेपी और सहयोगी दलों ने शानदार जीत हासिल की. मई 2014 में महेंद्रनाथ पांडेय सोलहवीं लोकसभा के लिए चुने गए और मंत्री भी बने. हालांकि कुछ दिन बाद पार्टी हाईकमान ने उन्हें बीजेपी (BJP) का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. उन्होंने अपने कार्यकाल में बीजेपी को मुश्किल की घड़ी से उबारा और पार्टी को शानदार जीत दिलाई.
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महेंद्र नाथ पांडेय इस बार चंदौली (Chandauli) लोकसभा से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. इस बार सपा-बसपा गठबंधन ने उनके सामने संजय चौहान को उम्मीदवार बनाया था. जबकि कांग्रेस ने शिवकन्या कुशवाहा पर दांव लगाया था. सबको पटखनी पटखनी देते हुए भगवा परचम लहराया. बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते संगठन पर उनकी पकड़ है.
ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष तय होगा. लिहाजा महेंद्र नाथ पांडेय के बाद पार्टी हाईकमान किसी पिछड़ा या दलित को उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे आगे चल रहा है.
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उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव करीब तीन साल बाद है. लेकिन तैनाती चुनावी पृष्ठभूमि के आधार पर ही होनी तय मानी जा रही है. कुछ जानकार बताते हैं कि बीजेपी अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाना चाहती है. पार्टी की मंशा यह भी है कि वह प्रदेश में गठबंधन के तिलिस्म को भी जड़ से उखाड़ फेंके. ऐसे में वह दलितों के साथ-साथ ओबीसी को भी पूरी तरह से अपने पाले में करने के लिए जोर लगाएगी.
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