ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में रविवार को सर्वे का काम पूरा हो गया है. मस्जिद में वजूखाने के नजदीक तालाब पर विवाद है. हिंदू पक्ष ने तालाब का पानी निकालने की मांग की. वहीं मस्जिद कमेटी ने पानी निकालने का विरोध किया है. ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के बीच हिंदू पक्ष के सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार, गुंबद की तरफ सर्वे के दौरान एक दीवार जिस पर हिन्दू परंपरा के आकार दिख रहे, संगमरमर दिख रहा उसे सफेद चुने से रंग गया है. सर्वे की टीम ने इसकी वीडियोग्राफि की और प्रतीक चिन्ह का भी जिक्र किया. इसे उनकी बात को बल मिल रहा है.
गौरतलब है कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण (Videography Survey) का दूसरा दिन रविवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुआ. अदालत द्वारा नियुक्त कमेटी आज ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया. कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष सहायक आयुक्त एडवोकेट विशाल सिंह ने कहा, "सर्वेक्षण सुबह 8 बजे से शुरू हुआ और दोपहर 12 बजे तक किया गया." सर्वे के दूसरे दिन मस्जिद के गुंबद का सर्वे पूरा कर लिया गया है. पुलिस ने परिसर के पास सड़क को घेर लिया. पहले दिन परिसर के 500 मीटर के दायरे में सभी दुकानें बंद रहीं. जटिल क्षेत्र में लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वाराणसी के डीसीपी आरएस गौतम ने ज्ञानवापी मस्जिद पर कहा "सभी के लिए दर्शन की व्यवस्था होगी. सभी मार्ग खोल दिए गए हैं ताकि यहां पर आने वालों को किसी तरह की समस्या न हो. इसके लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. अभी एक गेट से आयोग के एक सदस्य को प्रवेश दिया जा रहा है.
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भक्तों को प्रवेश मिल रहा है. जहां तक सर्वे की बात है तो दोनों पक्षों के वकील, पुलिस अधिकारी, जिलाधिकारी और सर्वे से जुड़े तमाम सरकारी अधिकारी मौके पर पहुंच गए. यह सर्वेक्षण मस्जिद अधिकारियों की आपत्तियों के बावजूद सर्वेक्षण जारी रखने के वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश के अनुसार किया. दीवानी कोर्ट ने साइट का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति की थी और इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी, जिसने 21 अप्रैल को अपील को खारिज कर दिया था. उच्च न्यायालय के 21 अप्रैल के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में दैनिक पूजा की अनुमति के लिए पांच महिलाओं ने अदालत में याचिका दायर की थी. उक्त याचिका पर दीवानी न्यायालय द्वारा परिसर में सर्वेक्षण एवं वीडियोग्राफी कराने का आदेश आया है. एक अन्य याचिका, जो विजय शंकर रस्तोगी द्वारा दायर की गई थी, ने तर्क दिया था कि पूरा परिसर काशी विश्वनाथ का है और ज्ञानवापी मस्जिद केवल मंदिर का एक हिस्सा है, यह भी 1991 से अदालत में लंबित है. रस्तोगी ने दावा किया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर दो हजार साल पहले बनाया गया था और मंदिर को मुगल सम्राट औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था.
HIGHLIGHTS
- उच्च न्यायालय के 21 अप्रैल के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी
- जटिल क्षेत्र में लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा