उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 5 अप्रैल तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मौजूदा हालातों को देखते हुए ये बड़ा फैसला किया है. बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा तरह-तरह के विरोध प्रदर्शन और त्योहारों को देखते हुए सरकार ने राजधानी लखनऊ में धारा 144 लागू की है. संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन आरोड़ा ने कहा कि इस दौरान किसी भी प्रकार के आयोजनों के लिए इजाजत लेनी पड़ेगी. बिना इजाजत कोई आयोजन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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लखनऊ में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू किए गए धारा 144 को लेकर जारी आदेशों में कहा गया है कि 1 मार्च से लेकर 5 अप्रैल तक कई त्योहार हैं. इसके अलावा विरोध प्रदर्शन और कोरोना वायरस का खतरा भी है. ऐसे में किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए ये फैसला लिया गया है. आदेश में कहा गया है कि विभिन्न राजनैतिक दल, छात्र संगठन, भारतीय किसान संगठनों द्वारा लखनऊ में धरना प्रदर्शन की प्रबल संभावना है, जिससे शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा इस दौरान कई बड़े त्योहार पड़ रहे हैं, ऐसे में असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था भंग की जा सकती है.
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इसके साथ ही लखनऊ में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए नए दिशानिर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि लखनऊ में मौजूद कन्टेनमेंट जोन के बाहर किसी भी प्रकार के आयोजनों के लिए अनुमति लेनी होगी. अनुमति मिलने के बाद किसी बंद जगह में क्षमता के केवल 50 फीसदी लोग ही इकट्ठे हो सकते हैं. इस दौरान एक समय पर अधिकतम 200 लोग ही किसी आयोजन में शामिल हो सकते हैं. इस दौरान सभी लोगों को फेस मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा.
HIGHLIGHTS
- लखनऊ में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 5 अप्रैल तक लगाई गई धारा 144
- त्योहारों और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया फैसला
- कोरोना वायरस से जुड़ी नई गाइडलाइंस भी की गई जारी
Source : News Nation Bureau